जुलाई 30, 2015

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ० अब्दुल कलाम को भावपूर्ण श्रद्धांजलि......



डा०कलाम को सलाम है,
मिशाइल मैन को प्रणाम है।
जब तक सूरज चांद है,
तब तक तेरा नाम है।
विज्ञान के प्रकाश में,
एसएलबी को आकाश में,
पोखरण परीक्षण से,
भारत के विकास में,
तेरा बड़ा काम है।
डा०कलाम को सलाम है,
मिशाइल मैन को प्रणाम है।
मुक्तेश्वर मुकेश, 
अध्यक्ष ,
भारतीय सर्वभाषा साहित्य संघ, 
सहरसा, बिहार।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।