मात्र तीन हजार के लिए अंकित को जान से मार दिया …


जिले के पुलिस कप्तान पंकज कुमार सिन्हा बता रहे हैं की बच्चे को पीट--पीटकर मौत की नींद सुलाने के बाद दरिंदा बाप अपने बेटे का अंतिम संस्कार करना चाहता था लेकिन एन वक्त पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.इनकी नजर में आरोपी पिता पूर्व से ही अपराधी चरित्र का रहा है.आगे इस मामले में त्वरित गति से न्यायालय में पुलिस चार्जसीट समर्पित करेगी और स्पीडी ट्रायल करवाकर इसे जल्द से जल्द सजा दिलाई जायेगी.
क्या एक बाप इतना बड़ा जुल्म कर सकता है?क्या जिगर के टुकड़े को कोई इंसान मौत के घाट उतार सकता है?संतान के लिए तो लोग अपना जीवन और सर्वस्व लूटा डालते हैं लेकिन महज तीन हजार रूपये के लिए एक बाप अपने बेटे की बलि चढ़ा सकता है?यह क्रूरतम घटना एक सपने की तरह है लेकिन सच यही है की मासूम अंकित इस दुनिया में नहीं रहा और उसका कातिल बाप अब जेल के सलाखों के भीतर जा रहा है.इस हत्या ने अंकित के -साथ-साथ रिश्ते--नाते और तमाम भरोसे का कत्ल कर डाला है.
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