मई 19, 2015

आपका जीवन अनमोल है.....तम्बाकू से हो जाये सावधान!!!!

तम्बाकू सबसे खतरनाक कैंसर के लिए..... समिता मिश्रा फाउंडेशन मेमोरियल कैंसर रिसर्च, दिल्ली।
कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- मानव को अकूत सम्पदा तो मिल जाता है मगर ईश्वर ने हमे इस जग में भेजा इसलिए है कि उनका दिया हुआ यह मानव शरीर अपने परिवार के अलावे समाज,व देश के लिए भी काम आये इसके लिए मनुष्य को स्वस्थ्य रहना अति आवश्यक है मगर मनुष्य इस अनमोल रत्न मानव शरीर को स्वस्थ्य रख पाने में ही कोताही कर बैठते है जिसका परिणाम निकलता है कि हम न तो अपनों को काम आ सके और न ही देश ,व समाज के लिए ही. आज हमारे समाज में गरीब हो या आमिर सब के सब विभिन्न बिमारियों से ग्रसित है. जिसमे कैंसर के रोग से पीड़ित हजारो लोग मौत को गले लगा चुके है. इस रोग की रोक थाम और सही जानकारी नहीं रहने के कारण भी लोग कैंसर जैसे भयानक व जानलेवा रोग से पीड़ित हो जाते है लोगनशा सेवन के लिए हजारो लाखों रुपये खर्च कर रहे है उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि वे रोज पान, गुटका, बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकू का सेवन करने के लिए रुपये खर्च कर कैंसर जैसा जानलेवा रोग को भी खरीद रहे हैं. लोग जानकारी के अभाव में कैंसर रोग का शिकार हो मौत के मुंह में चले जाते है.
कैंसर रोग से बचाव के लिए हम सबकी भी जिम्मेवारी बनती है कि हम खुद को और गांव समाज के लोगों को जागरूक करे कि नशा पान छोड़ कर स्वस्थ्य जीवन को अपनावे इसके लिए सभी मानव शरीर को स्वस्थ्य जीवन देने के लिए समिता मिश्रा फाउंडेशन मेमोरियल कैंसर रिसर्च दिल्ली के द्धारा एक जबरदस्त जागरूकता फैलाओ कैंसर भगाओ कार्यक्रम अभियान कि तरह हर जिला हर गांव में कार्यक्रम किये जा रहे हैं. सहरसा जिले के विभिन्न क्षेत्रो के गांवो में भी इस तरह के कार्यक्रम से लोगो के बीच जागरूकता फैलाई जा रही है. जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के पस्तपार गांव में पिछले दिनों शुरू हुई इस कार्यक्रम  को लगातार जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के विभिन्न जगहों पर भी जागरूकता फैलाओ कैंसर भगाओ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. कैंसर से बचने के लिए लोगों से खैनी, गुटका, सिगरेट, शराब का परित्याग करने की अपील की गयी. समिता मिश्रा फाउंडेशन मेमोरियल कैंसर रिसर्च, दिल्ली के संस्थापक प्रफुल्ल कुमार के संवाद को स्थानीय प्रतिनिधि बिजय महापात्रा ने सहरसा टाइम्स के साथ जागरूकता फैलाओ कैंसर भगाओ हर गांव घर में करने कि बात कही. उन्होंने कहा कि संस्था की ओर से एक एक शोध कार्य क्रम के दौरान यह साबित  हो चूका है कि सत्तर प्रतिशत रोग महज खैनी, गुटका के सेवन से होता है श्री कुमार के हवाले  से अपील किया गया कि 5 रुपये की लागत से खरीदी गयी खैनी, गुटका हम लोगो के लिए जानलेवा साबित  हो सकता है.  

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।