मार्च 10, 2015

महादलितों का उपवास------


सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:- जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री काल में उनके द्वारा लिए गए फैसले को नीतीश कुमार के सत्तासीन होते ही बदलने के फैसले से जहां जीतन मांझी आज पटना के गांधी मैदान में एक दिन के उपवास पर हैं वहीँ इसको लेकर सहरसा के महादलित समाज में ना केवल बेहद नाराजगी है बल्कि महादलित समाज के लोग भी आज जिले के विभिन्न इलाके में एक दिन के उपवास पर हैं.हम अपने दर्शकों को बानगी के तौर पर जिला मुख्यालय के बस स्टैंड के पीछे रेलवे की जमीन पर बसे तक़रीबन डेढ़ सौ परिवार वाले महादलित बस्ती का नजारा दिखा रहे हैं.यहां के हर घर में मातमी सन्नाटा है.सभी उपवास में हैं.ये ना केवल दुखी हैं बल्कि सिद्दत से नीतीश कुमार को कोसने में भी लगे हुए हैं. महादलित समाज के लोगों का कहना है की नीतीश कुमार ने मांझी के साथ अन्याय किया है.आने वाले दिनों में महादलित नीतीश कुमार के साथ नहीं बल्कि मांझी के साथ खड़े रहेंगे.

सहरसा के रिहायशी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके के महादलित लोग चाहे बच्चे की बात करें या फिर युवा और बुजुर्ग,या फिर महिलायें,सब के सब आज एक दिन के उपवास पर हैं.अंगीठी बुझी हुयी है और चूल्हे खामोश हैं. मांझी के लिए गए फैसले को नीतीश कुमार द्वारा बदले जाने से महादलित समाज खासा नाराज और आहत है.सभी समवेत स्वर में कह रहे हैं की नीतीश कुमार ने मांझी के साथ बहुत बुरा किया..
जाहिर तौर पर महादलितों की यह नाराजगी आने वाले विधान सभा चुनाव में अपना गहरा असर दिखाएगी. नीतीश कुमार के लिए महादलितों ने एक तरह से खतरे की घंटी बजा दी है.आगे यह देखना दिलचस्प होगा की इन महादलितों को अपने पाले में लेने के लिए सियासतदां कौन--कौन सा सियासी खेल खेलते हैं और बाजी कौन मारता है. फिलवक्त हम इतना जरूर कहेंगे की जीतन राम मांझी का प्रेम महादलितों के बीच कुलाचें भर रहा है.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।