
आरोप ?
सभी का समवेत स्वर में यही कहना है की आंगनबाड़ी के केंद्र स्थापन और नियोजन प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धन उगाही हुयी है।नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन का बंटवारा हुआ है।खासकर के सहरसा के वर्तमान डी.एम शशि भूषण कुमार के खिलाफ इनका आक्रोश है। आन्दोलनकारियों का कहना है की यह डी.एम शशि भूषण कुमार सहरसा को लूटने आया है।इन्हें यहाँ से अविलम्ब हटाया जाना चाहिए।आन्दोलनकारियों का साफ़ लहजे में कहना है की जिस केंद्र को जनसंख्याँ के आधार पर मिनी होना चाहिए उसे अतिरिक्त और जिसे अतिरिक्त होना चाहिए उसे मिनी केंद्र बना दिया गया है।सत्तर कटैया प्रखंड के पूर्व सी.डी.पी.ओ शिप्रा भारद्वाज पर सारे गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिन्हें अब इस जिले से रिलीव कर दिया गया है।आप जान लें की शिप्रा भारद्वाज के स्थानान्तरण के बाद भी जिलाधिकारी ने इन्हें डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक जिले में रोककर केद्र के सारे काम को निपटाया था।इनकी मानें तो शिप्रा भारद्वाज जिलाधिकारी का एक मोहरा भर थी,असली खिलाड़ी खुद जिलाधिकारी हैं।
सभी का समवेत स्वर में यही कहना है की आंगनबाड़ी के केंद्र स्थापन और नियोजन प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धन उगाही हुयी है।नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन का बंटवारा हुआ है।खासकर के सहरसा के वर्तमान डी.एम शशि भूषण कुमार के खिलाफ इनका आक्रोश है। आन्दोलनकारियों का कहना है की यह डी.एम शशि भूषण कुमार सहरसा को लूटने आया है।इन्हें यहाँ से अविलम्ब हटाया जाना चाहिए।आन्दोलनकारियों का साफ़ लहजे में कहना है की जिस केंद्र को जनसंख्याँ के आधार पर मिनी होना चाहिए उसे अतिरिक्त और जिसे अतिरिक्त होना चाहिए उसे मिनी केंद्र बना दिया गया है।सत्तर कटैया प्रखंड के पूर्व सी.डी.पी.ओ शिप्रा भारद्वाज पर सारे गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिन्हें अब इस जिले से रिलीव कर दिया गया है।आप जान लें की शिप्रा भारद्वाज के स्थानान्तरण के बाद भी जिलाधिकारी ने इन्हें डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक जिले में रोककर केद्र के सारे काम को निपटाया था।इनकी मानें तो शिप्रा भारद्वाज जिलाधिकारी का एक मोहरा भर थी,असली खिलाड़ी खुद जिलाधिकारी हैं।
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