

सहरसा टाईम्स ने इस मामले को काफी संजीदगी और गंभीरता से लिया और इस
बाबत पुलिस अधिकारी से जबाब--तलब किया।सहरसा के पुलिस अधीक्षक अजीत
सत्यार्थी अभी अवकाश पर हैं।उनकी गैर मौजूदगी में हमने प्रभारी पुलिस
अधीक्षक कैलाश प्रसाद से इस घटना को लेकर तल्ख़ बातचीत की।सहरसा टाईम्स की दखल के बाद
इन्होनें सदर थाना में काण्ड दर्ज करने का निर्देश दिया।इनका कहना है की इस
मामले में पटना पुलिस की जिम्मेवारी बनती है की वह इसमें उचित कारवाई
करे।वे पटना पुलिस को इस मामले को रेफर करते हुए वहाँ के अधिकारियों से बात
भी करेंगे।चलिए कम से कम सहरसा टाईम्स के प्रयास के एक झटके में सहरसा में
मामला तो दर्ज हुआ। सुदूर
ग्रामीण इलाके या फिर और जिलों के शहरों की बात छोडिये,राज्य मुख्यालय
पटना में भी गुंडों का राज है।सहरसा टाईम्स इस पीड़ित दंपत्ति को हर हाल में
इन्साफ दिलाकर रहेगा।सूबे के मुखिया को कानून के राज में खौफ के राज की इस
तस्वीर को सिद्दत से देखना चाहिए।
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