मई 18, 2013

कृषि विभाग में हंगामा और तालाबंदी लाईव

सहरसा टाईम्स: जिला कृषि विभाग में पिछले तीन वर्षों से विषय वस्तु विशेषज्ञ (SMS) पद पर कार्यरत दर्जनों युवकों का धैर्य आज एक साथ जबाब दे गया और इस वजह से उन्होनें ना केवल समवेत विभाग में हल्ला बोला बल्कि कृषि विभाग में हंगामा और तालाबंदी करके वहीँ पर अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठ गए।इन पीड़ितों का कहना है की एक तो सरकार पिछले तीन वर्षों से उन्हें दुह कर काम लिया अब सरकार की गलत नीतियों की वजह से माननीय सर्वोच्च न्यालय के आदेश पर इनकी सेवा को 15.05.2013 को खत्म कर दिया गया है।सरकार की श्री विधि योजना को सफल बनाने के लिए उन्होनें जमकर पसीना बहाया।इस विधि से एक तरफ जहां किसानों ने खूब तरक्की की वहीँ सरकार ने भी जमकर वाहवाही लुटी।सेहरा अपने सर बांधकर सरकार तो अपना ताजपोशी करवा रही है लेकिन वे सभी पल में सड़क पर आ गए हैं।इस अन्याय के खिलाफ आज उनलोगों ने लड़ाई का आगाज किया है और जबतक उन्हें पूरा न्याय नहीं मिल जाता है वे कृषि विभाग में एक भी काम नहीं होने देंगे। 
 तालाबंदी की सूचना पाकर सदर एस.डी.ओ शम्भुनाथ झा खुद मौके पर आये और उन्होने धरनार्थियों से वार्ता की।अगिया--बेताल हुए ये सभी SMS इन्हें अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा की वे लोग विभाग में काम--काज नहीं होने देंगे।कल तक वे इस विभाग के अंग थे और पल में सड़क पर आ गए हैं।एस.डी.ओ साहब का कहना है की यह मामला जिला स्तर का नहीं है।वे इनलोगों की मांग को सरकार तक पहुंचाएंगे और आगे जो भी फैसला होगा वह सरकार के स्तर पर ही संभव है। 
अब आगे इन पीड़ितों के साथ जैसा भी न्याय हो लेकिन अभी तो यह साफ़ हो गया है की सरकार की गलत नीति की वजह से ये लोग यक ब यक सड़क पर आ गए हैं।आखिर में हम इतना तो जरुर कहेंगे की सरकार की विविध विभागों में नियोजन की परिपाटी ने जहां एक तरफ काम--काज के तौर तरीकों को पूरी तरह से गडमड करके रख दिया है तो वहीँ दूसरी तरफ काम करने वालों को भी संसय में रखकर उन्हें स्थिरता से च्युत कर दिया है।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।