कालाजार से पीड़ित बच्चे को तांत्रिक ने झाड़
-फूंक के दौरान उसके हाथ को जलाया/// मुकेश कुमार सिंह ///
विज्ञान
के चमत्कार से आज आदमजात ना केवल पूरी तरह से भौचक है बल्कि आसमानी सत्ता
की तरह विज्ञान को भी ताकतवर समझने को विवश भी है। समय के इस दौर में एक तरफ
लोग आज चाँद पर ना केवल पहुँच चुके हैं बल्कि चाँद पर घनी आबादी बसाने की
जुगात में भी हैं।ऐसे में कोसी इलाके में अंधविश्वास
का घना कोहरा छाया हुआ है और इलाके के गरीब और अनपढ़ लोग अन्धविश्वास के
मकड़जाल में फंसे अपनी और अपने परिजनों की जिन्दगी को दाँव पर लगा रहे
हैं। ताजा वाकया सुपौल जिले के अमहा गाँव का है जहां एक बच्चे को कालाजार हो
गया लेकिन उसके परिजन उसका इलाज कराने की जगह उसे एक तांत्रिक के पास लेकर
चले गए।तांत्रिक ने उस बच्चे का पहले तो जमकर झाड़--फूंक किया और जब इससे
बात नहीं बनी तो गर्म सलाख से बच्चे के हाथ को जलाया।लेकिन बच्चे का बुखार
कम होने की जगह बढ़ता ही गया।

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डॉक्टर विनय कुमार |
इस पुरे मसले को लेकर कालाजार वार्ड
के प्रभारी डॉक्टर विनय कुमार का कहना है की अशिक्षा की वजह से लोग
अंधविश्वास में फंसे हुए हैं। कालाजार का उपचार सिर्फ दवा से संभव
है।डॉक्टर ने सहरसा टाईम्स से अपील करते हुए कहा की सहरसा टाईम्स इस मसले को
सिद्दत से उठाये जिससे लोगों में जागरूकता आये और लोग इस अंधविश्वास में
फंसने से बच सकें।
सहरसा टाईम्स हमेशा की तरह इस बार भी अपने सामाजिक दायित्व के प्रति ना केवल सजग और ईमानदार है बल्कि सिद्दत से आवाज भी बुलंद कर रहा है की लोग किसी भी सूरत में तंत्र--मन्त्र के चक्कर में ना पड़ें और समय से डॉक्टर के पास पहुंचे ताकि समय पर सही मर्ज का पता चल सके और आगे उस मर्ज से निजात पाने के लिए उचित उपचार हो सके।
सहरसा टाईम्स हमेशा की तरह इस बार भी अपने सामाजिक दायित्व के प्रति ना केवल सजग और ईमानदार है बल्कि सिद्दत से आवाज भी बुलंद कर रहा है की लोग किसी भी सूरत में तंत्र--मन्त्र के चक्कर में ना पड़ें और समय से डॉक्टर के पास पहुंचे ताकि समय पर सही मर्ज का पता चल सके और आगे उस मर्ज से निजात पाने के लिए उचित उपचार हो सके।
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