मई 14, 2013

मजलूमों का हल्ला बोल

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट: सरकारी योजनाओं की बदरंग तस्वीर और थोक में उसके काले सच को हमने कई बार अपने दर्शकों के सामने परोसा है।लेकिन इस बार जो तस्वीर और आलम लेकर हम हाजिर हो रहे हैं वह सरकार के तमाम दावों की ना केवल पोल खोल रहा है बल्कि सरकार सहित उसके तमाम तंत्रों को सिद्दत से कटघरे में भी खड़े कर रहा है। सहरसा के नवहट्टा प्रखंड के विभिन्य पंचायतों के सैंकड़ों लोगों ने  प्रखंड कार्यालय पर ना केवल हल्ला बोलकर जमकर हंगामा और नारेबाजी की बल्कि प्रखंड कार्यालय परिसर में ही अनिश्चितकालीन धरना पर भी बैठ गए।ये वे तक़दीर के मारे लोग हैं जो एक तो हर साल बाढ़ और सुखाड़ का दंश झेलते हैं बल्कि वर्षों से सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए टकटकी लगाए हुए भी हैं लेकिन फटी तक़दीर इनकी,की आजतक इन्हें एक भी योजना का लाभ नहीं मिला ।
नवहट्टा प्रखंड कार्यालय
-यह नजारा है सहरसा के नवहट्टा प्रखंड कार्यालय का।इस प्रखंड में चौदह पंचायत हैं।इस प्रखंड का एक बड़ा हिस्सा पूर्वी और पश्चिमी कोसी तटबंध के भीतर बसता है।देखिये इस चिलचिलाती धुप और जानलेवा गर्मी में युवा--प्रौढ़ से लेकर बुजुर्गों का हुजूम यहाँ उमड़ा है।आज सहरसा टाईम्स   कंप्यूटर पर चमचमाती विकास की खुबसूरत तस्वीरों से इतर सच की ऐसी साबूत तस्वीरें दिखा रहा है जो सरकार से लेकर उनके मुलाजिमों की तमाम बेजा और छलावे की करतूतों को बेनकाब करने के लिए काफी हैं।ये सारे लोग पिछले पांच--छः वर्षों से विभिन्य तरह की सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के  लिए पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय का ना केवल चक्कर लगा कर थक गए हैं बल्कि योजनाओं का लाभ उन्हें मिले इसके लिए हाकिम मुलाजिमों को बख्सीस और नजराने देकर भी परेशान हाल हैं।तमाम भागीरथी कोशिश के बाद भी उन्हें किसी भी योजना का लाभ आजतक मयस्सर नहीं हुआ। इनलोगों को ना तो वृद्धा पेंशन,ना तो लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन,ना तो विकलांग पेंशन,ना इंदिरा आवास और ना ही कन्या विवाह योजना का लाभ यानि किसी भी सरकारी योजना का लाभः इन्हें नहीं मिला है।यही नहीं राशन और किरासन के लाभ से भी ये वंचित हैं।हद की इंतहा देखिये इनमें से बहुतो तो ऐसे हैं जिन्हें आजतक बीपीएल का दर्जा भी प्राप्त नहीं हो सका है।
नवहट्टा प्रखंड के बी.डी.ओ रामदेव ठाकुर
अगर बेशर्मी और बेहयाई की जिन्दा तस्वीर देखनी हो तो यह उसकी मिशाल होगी।बाहर पीड़ितों का हुजूम खडा है।लोग कहकर कह रहे हैं की उन्हें योजनाओं का लाभ अभीतक नहीं मिला है।लेकिन साहेब तो साहेब ठहरे।नवहट्टा प्रखंड के बी.डी.ओ रामदेव ठाकुर कह रहे हैं की सभी को लाभ मिल रहे हैं।  इलाके के जिला पार्षद प्रवीण आनंद भी इन पीड़ितों के साथ में आवाज बुलंद करते हुए कहते हैं की सरकार को इस सच को देखना होगा।यह प्रखंड दलालों के चंगुल में है।प्रखंड में जनहित के काम की जगह पर ऐसी दूकान चल रही है जहां योजनाओं के लिए सौदा होता है।जबतक इन पीड़ितों का हक़ इन्हें नहीं मिल जाता है तबतक वे भी इनके धरना में इनके साथ खड़े रहेंगे।
ए.सी कमरे में योजनायें बनती हैं जिसके लिए पहले से कोई होमवर्क नहीं होता है।बड़ी योजनायें जमीन पर उतरने से पहले ही काल--कलवित हो जाती हैं,इसका मुख्य कारण यही है।और हद तो यह है की सरकार इन सच की तस्वीरों को देखने से गुरेज-परहेज करती है जो बदरंग सच को और भयावह बना देती है।सरकार को कंप्यूटर में कैद विकास के कसीदे वाले आंकड़े और उसमें भरी विकास की नायाब तस्वीरों से इतर सही तस्वीर देखने की आदत डालनी होगी।जनता का भला करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप और नुक्ताचीनी की जगह अब पूर्वाग्रह से मुक्त होकर सरकार को वाजिब में काम करना होगा।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।