जनवरी 31, 2013

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का घेराव

मुकेश कुमार सिंह,: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव आज दोपहर में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बनी कुछ सड़कों के निर्माण के बाद उन सड़कों के उदघाटन के लिए नवहट्टा प्रखंड के रामनगर भरना गाँव जा रहे थे।शरद यादव का काफिला अपनी मंजिल की और जा रहा था की बीच में ही नवहट्टा प्रखंड के इस्लामपुर गाँव के सैंकड़ों ग्रामीणों ने एक साथ शरद के काफिले पर न केवल हल्ला बोल दिया बल्कि जमकर नारेबाजी भी करने लगे।इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुयी।ग्रामीण को बिजली सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की वजह से वे अगिया--बेताल थे और शरद को खरी--खोटी सूना रहे थे।ग्रामीणों ने शरद के काफिले को डेढ़ घंटे से ज्यादा अपने गाँव में रोककर रखा।शरद यादव के तुरंत बिजली के इंतजाम और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उनतक ससमय और सही तरीके से पहुँचने के आश्वाशन के बाद शरद को गुस्साए लोगों ने यहाँ से जाने दिया।
यह नजारा है इस्लामपुर गाँव का।
 देखिये ग्रामीणों का धैर्य किस तरह से जबाब दे गया है की वे गुस्से से आग--बबुले होकर शरद यादव के काफिले को अपने गाँव से गुजरने नहीं दे रहे हैं।कई तरह की कमियों का दंश झेलने वाले इस गाँव के ग्रामीण ज्यादा बिजली को लेकर परेशान है।सुरक्षा जवानों से लगातार तीखी झड़प होने के बाद भी ग्रामीण मोर्चे पर देखिये न केवल डटे हुए हैं बल्कि किसी भी सूरत में शरद को रास्ता देने के लिए तैयार नहीं हैं।बड़ी मुश्किल से और शरद के फौड़ी कारवाई के भरोसे के बाद लोगों ने उनके काफिले को गंतव्य की और जाने दिया।
शरद यादव से सहरसा टाईम्स ने इस घेराव को लेकर जानना चाहा तो वे बड़े बेतुके अंदाज से पहले तो हमसे कहा की हम आपके हाथ जोड़ते हैं, जाईये आप यहाँ से,फिर हमसे कहा की आपको होश ही नहीं है।  जबकि  हम आपको बता दे की हम पूरी तरह से न केवल होश में थे बल्कि गरीब जनता की लामबंदी और उसके अगिया-बेताल विरोध के गवाह भी थे। बताना लाजमी है कि  शरद जी अन्तराष्ट्रीय मीडिया को फेस करने वाले नेता हैं। उनके रूखे तेवर को देख कर हम दावे के साथ कह सकते है कि उनकी नज़र में शायद कस्बाई इलाके के रिपोर्टरों की कोई हैसियत नहीं होती है। उनके तेवर को देख कर हमें यह भी लगा की राष्ट्रीय स्तर के नेता होने के लिए दुसरे को अंडर स्टीमेट करना जरुरी होता है। हांलांकि शरद यादव ने हमारे साथ तल्खी से पेश आने पर बाद में विचार किया और अपने मंच पर नवहट्टा के B.D.O रामदेव ठाकुर को बुलाया और इस्लामपुर गाँव में तुरंत ट्रान्सफार्मर लगवाकर बिजली चालु करने का हुक्म दिया।
शरद के इस घेराव ने यह जाहिर कर दिया है की सरकार के काम--काज को लेकर जनता में लगातार बढ़ रहा असंतोष अब विभिन्य तरीके से फूटने लगा है। 

1 टिप्पणी:

  1. unhe apni wakad v to pata hona chayea, jis garib janta k badolt wo national evel media ko face krte hai, wahi garib janta use road pe v lane me koye kasar nahi choreg. Basarte k kuch humare area se lomre kam jaye. Ar hamare media bhai v apne kam ko bahhuvi se nibhaye.Sachye ko samne laye ar logo k pas panuchye.Susan Babu ka git gana band kare ar apne local neta ko mp, mla banane me madad kare.

    जवाब देंहटाएं


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।