दिसंबर 09, 2012

सुशासन में शराब पीकर टुन्न मासूम बच्चे

रिपोर्ट चन्दन सिंह  : अब छुपके शराब पीने का ज़माना ना केवल लद गया है बल्कि अब लोग आपको हर गली और चौक--चौराहे पर दिन के उजाले से लेकर रात के अँधेरे में नशे में टुन्न कहीं भी पड़े मिल जायेंगे।बात इतने पर ही खत्म नहीं होती,अब तो आपको नौजवान और बुजुर्गों के अलावे छोटी उम्र के मासूम बच्चे भी शराब पीकर नशे में मस्त और बेहोश दोनों हालात में मिल जायेंगे। जी हाँ,हम कोई फ़िल्मी डायलॉग नहीं बोल रहे बल्कि सच की एक काली और ऐसी स्याह तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर आपका कलेजा मुंह को आ जाएगा। सहरसा जिले का बिल्कुल रिमोट इलाका बसनही थाना के मंगल बाजार में एक नाबालिग बच्चा शराब के नशे में सड़क पर बेहोश पडा था जिसे ग्रामीणों ने उठाकर एक बांस के मचान पर लिटा दिया। जाहिर तौर पर यह तस्वीर इस बात की पुष्टि करती है की सुशासन में मासूम बच्चे भी छंककर शराब पी रहे हैं। यह नाबालिग बच्चा शराब के नशे में टुन्न हो कर व्यवस्था को तमाचा लगा रहा है।
सहरसा के सुदूर ग्रामीण इलाके मंगला बाजार की तस्वीर। देखिये इस मासूम बच्चे को।बामुश्किल इसकी उम्र दस वर्ष की होगी। इस बच्चे ने जीभर के शराब पी रखी है। पहले यह बीच सड़क पर नशे में धुत्त होकर पडा था। ग्रामीणों को इसपर तरस आया तो इसे यहाँ पर लिटा दिया गया है। देखिये इस बच्चे की हालत को। लगता है की अब इसकी जान निकलने वाली है। अभीतक यह पता नहीं चल सका है की यह किस गाँव का रहने वाला है और इसने किस दूकान से शराब लेकर पी है। ग्रामीण इतना जरुर कह रहे हैं की इस स्थिति के लिए सरकार जिम्मेवार है। गाँव--गाँव में शराब की दूकान खुल गयी है। बड़ों को पीता देख बच्चे भी पियक्कड़ हो रहे हैं।
सुशासन के शराब शास्त्र को लेकर हम कुछ भी नहीं कहेंगे।इस तस्वीर को देखकर आप खुद ही तय करें की यह क्या हो रहा है।जिन मासूम नौनिहालों के हाथों कल का हिन्दुस्तान होगा वे मदिरा में इस कदर डूबे जिन्दगी से खेल रहे हों,तो आगे सबकुछ फकत भगवान के हाथों है।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।