मुकेश कुमार सिंह,सहरसा टाइम्स:
वर्षों से
बदनामी का सेहरा बांधे सहरसा पुलिस एक बार फिर कटघरे में खड़ी दिख रही
है।यूँ तो दाग पुरे पुलिस कुनबे को लगे हुए हैं लेकिन गुरुवार के दोपहर बाद
नवहट्टा थाना के थानाध्यक्ष के खिलाफ लोगों का ना केवल गुस्सा फूटा बल्कि
लोग सड़क पर उतरकर उनके खिलाफ पहले तो जमकर नारेबाजी की और फिर एस.पी ऑफिस
के सामने धरने पर बैठ गए।धरना स्थल पर भी लोग नवहट्टा थानाध्यक्ष के खिलाफ
घंटों जमकर नारेबाजी करते रहे।लोग अगिया--बेताल थे और थानाध्यक्ष पर पैसे
लेकर निर्दोष लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने और कोई मामला दर्ज करवाने और
उस मामले में वाजिब धाराएं लगाने के लिए पैसे मांगने का गंभीर आरोप लगा
रहे थे।एक बजे दिन से लोग एस.पी ऑफिस के सामने बबाल काट रहे थे।एस.पी किसी
कार्य से जिला मुख्यालय से बाहर थे।ऐसे में मामले की तहकीकात करने और लोगों
की शिकायत सुनने एस.डी.पी.ओ मौके पर पहुंचे और लोगों को जांच कर न केवल
उचित कारवाई का भरोसा दिया बल्कि पूरा का पूरा इन्साफ होगा इसकी भी गारंटी
दी।
आंदोलित लोग पुलिस की
कार्यशैली पर बड़े--बड़े प्रश्न खड़े कर रहे हैं।थाने में पैसे दो और किसी पर
झूठा मुकदमा करवा लो। थाने में दफा के लिए बोली लगती है। थाना इन्साफ के
मंदिर की जगह एक माल--चुआऊ मंडी में तब्दील है। सत्ताधारी जदयू के नवहट्टा प्रखंड अध्यक्ष बता रहे हैं की थाना में
पैसे लेकर गलत मुकदमा दर्ज किया जाता है। अगर किसी पार्टी की मज़बूरी
में बिना पैसे का काण्ड दर्ज हो जाता है तो उस मामले में वाजिब धाराएं नहीं
लगाई जाती हैं।
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नवहट्टा थानाध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते लोग |

सहरसा
पुलिस मनमौजी है।उसे किसी का कोई डर--भय नहीं है।यहाँ की पुलिस के कामकाज
का तरीका गुंडे और मवाली जैसा है।आगे देखने वाली बात यह होगी की इन पीड़ितों
के साथ कैसा न्याय और आरोपी नवहट्टा थानाध्यक्ष पर कैसी कारवाई होती है।
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