
देखिये यह नजारा है कहरा प्रखंड के
रहुआ नहर के ठीक बगल के ईख खेत का।ईख खेत के भीतर यह पड़ी है एक शख्स की सर
कटी लाश। देखिये कितने खौफनाक तरीके से इसकी ह्त्या की गयी है। बेरहमी से
इसके सर को इसके जिश्म से जुदा कर दिया गया है।दोपहर करीब दो बजे जब ईख खेत
का मालिक अपनी फसल को देखने ईख के बीच में गया तो एक सर कटी लाश को देखकर
उसके होश उड़ गए।उसने तुरंत हल्ला मचाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते आसपास
लोगों की भीड़ जमा हो गयी।किसी ने बनगांव थाना को फोन किया तो किसी ने सदर
थाना को। चूँकि यह क्षेत्र दोनों थाने के बीच में पड़ता है इसलिए लोगों ने
दोनों जगह इसकी सुचना दे दी। वहीँ एक शख्स
खुद को मृतक का रिश्तेदार बताकर मृतक को सौर बाजार थाना के कचरा गाँव का
बताते हुए कहता है की मृतक दिलीप यादव है इसकी पत्नी का अवैद्य सम्बन्ध
अपने दामाद से है।इसकी ह्त्या इसकी पत्नी और दामाद ने मिलकर की है।
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ASHOK KUMAR DAS,S.D.P.O |
पुलिस के छोटे अधिकारी मृतक के रिश्तेदार की सुर में सुर मिला रहे
हैं और वही बयान दुहरा रहे हैं जो बयान मृतक के तथाकथित भतीजे ने दिया
है। लेकिन इससे इतर मौके पर पहुंचे पुलिस के बड़े अधिकारी अभी कुछ और लोगों
के आने का इन्तजार कर रहे हैं। इनकी मानें तो पुलिस ने लाश की पहचान के लिए
पहले तो मृतक के कटे सर की खूब तलाश की लेकिन कटा हुआ सर नहीं मिला। अब जो
लोग इस शव की शिनाख्त कर रहे हैं उनके माध्यम से उस महिला को बुलाया जा रहा
है जिसे इसकी पत्नी बताया जा रहा है। यानि अधिकारी महोदय फिलवक्त ना तो
मृतक की पहचान होने का दावा कर रहे हैं और ना ही घटना के कारण को लेकर ही
कुछ साफ़ कर रहे हैं।
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मुकेश कुमार सिंह सहरसा टाइम्स |
जब
भी कोई बड़ी घटना घटती है सहरसा में सबसे पहले एक बड़ी समस्या आती है की यह
मामला किस क्षेत्र का है। बीते 23 दिसंबर को सहरसा स्टेशन के समीप रेलवे
ट्रैक के किनारे से एक झाड़ी से बरामद हुयी करीब दस वर्षीय अज्ञात बच्चे की
लाश को लेकर भी रेल पुलिस और सहरसा पुलिस के बीच तनातनी हुयी थी। यही नहीं
बीते 19 नवम्बर को इंजीनियरिंग के छात्र दीपक की ह्त्या हुयी थी। इस मामले
में भी सहरसा पुलिस और रेल पुलिस के बीच क्षेत्र विवाद की वजह से जांच में
देरी हुयी थी और नतीजतन दीपक की ह्त्या हो गयी। आखिर यह क्षेत्र विवाद
का खेल कबतक चलेगा? एक सप्ताह के भीतर ह्त्या की यह तीसरी घटना है जिसने न
केवल पुरे जिले को हिलाकर रख दिया है बल्कि इस जिले में पुलिस और कानून नाम
की कोई चीज नहीं है इसकी पोल--पट्टी भी खोलकर रख दी है। इसी महीने 18
दिसंबर को सिमरी बख्तियारपुर थाना के बेलवारा पुनर्वास गाँव की दस वर्षीय
सुधा कुमारी की सामूहिक बलात्कार के बाद ह्त्या,23 दिसंबर को सहरसा रेलवे
स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक के किनारे दस वर्षीय बच्चे की ह्त्या और आज एक
शख्स की ह्त्या करके सर को गायब करने की घटना।सुशासन बाबू आप खुद तय कीजिये
सहरसा में कानून का या फिर गुंडों का राज है।
So Sad, Badi dukh ki baat hai,,,
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