अक्टूबर 16, 2012

सहरसा में बंदी

रिपोर्ट चन्दन सिंह:  वामपंथियों के साथ--साथ राजद,लोजपा,समाजवादी पार्टी सहित कई अन्य क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा आहूत बिहार बंद का आज सहरसा में व्यापक असर देखा गया।जिला मुख्यालय ही नहीं जिले के तमाम बाजारों की लगभग सभी दुकानें आज दिनभर बंद रही।बंद के दौरान विभिन्य विरोधी पार्टियों के कार्यकर्ता अपने हाथों में अपने दल का बैनर और झंडा थामे घूम--घूमकर बाजार की दुकानें बंद कराते रहे।सहरसा की कई सड़कों पर भी घंटों जाम लगाकर यातायात को बाधित किया गया।सुबह में सलखुआ में जनसेवा एक्सप्रेस और सत्तर कटैया में राघोपुर---सहरसा पैसंजर ट्रेन को घंटों रोका गया।राज्य सरकार के विरोध में उबल रहे गुस्से का यह नतीजा रहा की सहरसा बंद पूरी तरह से सफल रहा।सहरसा बंद की एक खासियत यह भी रही की बहुचर्चित जी.कृष्णैया ह्त्या मामले में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके समर्थकों ने भी इस बंदी में जमकर हिस्सा लिया।
 सहरसा बंद पूरी तरह से सफल रहा।सरकार को अब हर बात मजाक में और हल्के में लेना उसकी सेहत के लिए बेहतर साबित नहीं होगा। सरकार में बने लोगों को दुसरे पर फिकरे कसना और मजाकिया लहजे में सिर्फ ज्ञानवर्धन करना चाहते हैं जैसे बयान देने के दिन अब लद गए।अब जनता सबकुछ देखने की नहीं बल्कि समझने की स्थिति में है।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।