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रमेश झा महिला कॉलेज में लफंगों का मजमा |
1972 में स्थापित यह है कोसी प्रमंडल का इकलौता अंगीभूत रमेश झा
महिला कॉलेज,सहरसा.प्रमंडल की साढ़े चार हजार से पाँच हजार बच्चियां इस
कॉलेज में नामांकित हैं.लेकिन इस कॉलेज के भीतर घुसते ही आप भौचक रह
जायेंगे.आपको भीतर का नजारा देखकर यह कहीं से नहीं लगेगा की यह महिला कॉलेज
है. अन्दर से यह कॉलेज को-एडुकेशन के जैसा दिखने में लगता है. इस कॉलेज में लड़कों का
जमावड़ा लगा रहता है.पहली नजर में तो आपको यह लगेगा की कहीं ये सभी युवक इसी कॉलेज के
तो नामांकित छात्र नहीं हैं.लेकिन ऐसा नहीं है.कुछ युवक यहाँ अपनी
रिश्तेदार लड़की के बहाने इस कॉलेज में घुसे ते है तो कुछ आँखें सेंकने के
लिए.यहाँ की ज्यादातर भीड़ मनचले और मजनुओं की रहती है. यह कॉलेज पूरी तरह से
पिकनिक स्पॉट में तब्दील है.आलम यह है की राह चलते जिसे जी में आया वह भीतर
घुसा और नजरें चार करने में जुट गया.जाहिर तौर पर इससे लड़कियों को काफी
दिक्कतें होती होंगी. यहाँ की भीड़ से
लडकियां और उसके परिजन भी खासे परेशान हैं.लडकियां कहती हैं की लड़कों की
भीड़ की वजह से उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं.उनकी राय में लड़कों को खुद
सोचना चाहिए और उन्हें भीतर नहीं आना चाहिए.लड़कियों के परिजन भी लड़कों की
इस भीड़ को नाजायज बताते हुए इसे रोकने की बात कर रहे हैं.
इस कॉलेज के बिगडैल नज़ारे को कब बदला जा सकेगा,फिलवक्त कयास लगाना मुमकिन नहीं है.अभी हम इतना जरुर कहेंगे की इस कॉलेज का मौसम ठीक नहीं है.आगे रब की निगेहबानी से ही जल्दी से इस के दिन बहुरने के आसार हैं.
इस कॉलेज के बिगडैल नज़ारे को कब बदला जा सकेगा,फिलवक्त कयास लगाना मुमकिन नहीं है.अभी हम इतना जरुर कहेंगे की इस कॉलेज का मौसम ठीक नहीं है.आगे रब की निगेहबानी से ही जल्दी से इस के दिन बहुरने के आसार हैं.
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