जून 06, 2012

जल्लाद बाप की दरिंदगी

विशेष रिपोर्ट  
 
Mukesh Singh
Editor In Chief
Saharsa Times 
जब आदमी इंसान से हैवान और दरिंदा हो जाए तो वह किस हद की बदजाती करेगा,सच मानिए कयास लगाना बेमानी है.एक जन्म देने वाला बाप अपना पेट काटकर,रातों की नींद और दिन का चैन गंवाकर,यूँ कहिये अपने सपनों को बेचकर अपनी संतान में साँसे भरता है.लेकिन सहरसा जिले के सौर बाजार थाने के बेलहा गाँव के भगवानपुर टोले का रहने वाला एक बाप दरिंदगी की सारी हदें पार कर पहले तो अपनी दस वर्षीय मासूम बच्ची की ह्त्या कर दी,फिर उसकी लाश को कब्र खोदकर दफना दिया.हद की इंतहा देखिये इस जालिम बाप ने घटना को तीन दिन पहले ही अंजाम दिया था और घटना को अंजाम देकर अपने रोजमर्रा के काम में यूँ जुटा था जैसे की कुछ हुआ ही नहीं है.आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की सिकंदर यादव  खून चटोरा अपनी पत्नी,माँ और दो बच्चियों को पिछले चार महीने से मारपीट के घर से भगाए हुए था.माँ कहीं रह रही थी तो पत्नी और बच्चे कहीं और.नेहा तीन दिन पहले इस दरिन्दे के हाथ लग गयी थी जिसे अपने रौद्र क्रोध की आग में इस पापी बाप ने झोंककर मार डाला.गाँव वालों ने तीन दिन पहले मृत बच्ची की कराहने की आवाज इस दरिन्दे के घर से आती हुई सुनी थी.
हत्यारा बाप 
इस दरिन्दे ने दूसरे के घर में भागकर रह रही बच्ची को तीन दिन पहले पकड़कर लाया था और उसकी धुनायी कर उसकी जान ले ली. गाँव वालों को पूरा शक हो गया की इस दरिन्दे ने बच्ची का काम तमाम
कर दिया है.मृतका बच्ची की दादी जो अन्यत्र कहीं छुपी हुई थी उसको इस बात की जानकारी आज सुबह जब लोगों ने दी तो उसने साफ़ लहजे में कहा की उसकी पोती को उसके दरिन्दे बेटे ने मारकर कहीं छुपा दिया है.दादी ने सौर बाजार थाना जाकर उधर इस घटना के बाबत रपट लिखायी इधर गाँव वालों ने लाश को खोज निकाला.अभी वो दरिंदा बाप पुलिस के द्वारा दबोचा जा चुका है और सलाखों के पीछे धकेला जाने वाला है. .गाँव के लोग इस दरिदे की कहानी सुनाते हैं और इसे फांसी हो इसकी मांग कर रहे हैं.इस खौफनाक दरिन्दे का इतना आतंक है की घर के लोगों के साथ--साथ गाँव वालों को भी इसका डर सता रहा है की अगर कहीं यह छूटा तो कितनी और जिंदगियों को लील लेगा.
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्,कितना बदल गया इंसान.सूरज ना बदला,चाँद ना बदला ना बदला रे आसमान, कितना बदल गया इंसान.ऐसी दरिंदगी पर जबाब--तलब मेरी समझ से सीधे भगवान् से ही किया जाना चाहिए.

1 टिप्पणी:

  1. Repected Sir,

    Really you are rare type noble meida who is a fourt pillar of our democracy. My further request is pls publish incident happened in my family caused by my brother-in-law raman kumar verma and his gang and pls help my parents in registering F.I.R. and further quick justice. For this act of your kindness we entire poor family will be obliged for you ever.

    Your faithfully
    Smt Manju Devi
    w/o Sh Aruneshwar Lal Das and entire victims of my family
    Village Bargaon PS Basnahi saharsa

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।