जून 11, 2012

जबरदस्त हंगामा तोड़फोड़

सहरसा रेलवे स्टेशन प़र यात्रियों ने ना केवल जमकर बबाल काटे बल्कि जमकर तोड़फोड़ और पत्थरबाजी भी की.इस दौरान गुस्साए यात्रियों ने तीन ट्रेनों को चार घंटों से ज्यादा स्टेशन प़र रोके रखा.हजारों की तायदाद में यात्रियों का हुजूम घंटों बबाल करते रहे लेकिन इस दौरान रेल पुलिस RPF या सहरसा जिला पुलिस ने इन्हें शांत करने की कोशिश नहीं की.हद की इंतहा तो यह थी की रेलवे टिकट कौंटर प़र यात्रियों ने जबरदस्त तोड़फोड़ की जहां लाखों की संपत्ति का नुकशान बस देखते ही हो गया.यात्रियों का गुस्सा यक--ब यक नहीं फूटा है.यात्रियों का कहना है की वे पिछले एक सप्ताह से स्टेशन प़र बैठे हैं लेकिन ट्रेन की कमी की वजह से उन्हें ट्रेन में जगह नहीं मिलती है.वे रोज टिकट लेते और फिर वापिस करते हैं.एक तो टिकट में उनसे ज्यादा पैसे लिए जाते हैं और जब वे टिकट वापिस करते हैं तो टिकट वापसी में भी उनसे अधिक रूपये काटे जाते हैं.वे परेशान--परेशान हैं.यही नहीं रेल पुलिस उन्हें अलग से तंग करती है.सहरसा स्टेशन प़र नौ बजे सुबह से डेढ़ बजे दिन तक अफरातफरी और भागम--भाग की स्थिति बनी रही.एस.डी.ओ,सदर राजेश कुमार डी.एस.पी कैलाश प्रसाद,RPF और रेल पुलिस अधिकारियों की लाख मशक्कत के बाद ट्रेन का परिचालन डेढ़ बजे दिन से शुरू किया जा सका.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।