जून 22, 2012

भूख हड़ताल और दिन भर का जाम

जूही कुमारी
प्रदर्शनकारी  
रिपोर्ट - चन्दन सिंह:  दबंगों के कहर से घर और ज़मीन से बेदखल एक परिवार पिछले तीन दिनों से बिहरा थाना के पुरीख चौक प़र भूख हड़ताल प़र बैठा हुआ है.अनशन के तीसरे दिन बीते कल ग्रामीणों का धैर्य जबाब दे गया और वे इन अनशनकारी पीड़ितों के पक्ष में ना केवल लामबंद हो गए बल्कि सहरसा--सुपौल मुख्य मार्ग NH--107 को अहले सुबह सात बजे से ही जाम कर यातायात को पूरी तरह से ठप्प कर दिया.दिन के करीब ग्यारह बजे मौके प़र पहुँचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझा--बुझाकर जाम को खत्म कराना चाहा लेकिन प्रदर्शनकारी पीड़ितों को तुरंत न्याय मिले प़र अड़े रहे.बाद में स्थिति ऐसी हो गयी की जिला से एक के बाद एक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पहुँचते रहे और उन्हें ज़मीन सम्बन्धी नियमों का हवाला देकर कुछ मोहलत मांगते रहे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ऑन स्पॉट फैसला करवाने का पक्का फैसला कर लिया था,इसलिए वे कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे.नतीजा यह हुआ की शाम सात बजे तक जाम को हटाना मुमकिन नहीं हो पाया.इधर अनशनकारी परिवार में से दो सदस्यों की हालत बिगड़ने लगी है जिसे डॉक्टर स्लाईन चढ़ा रहे हैं.यानि घंटों लगे जाम और अनशन दोनों को तुडवाने में पुलिस---प्रशासन के अधिकारी खबर भेजे जाने तक विफल साबित हुए.
दबंगों के कहर से एक परिवार बर्बादी के मुहाने प़र खड़ा है.पुलिस--प्रशासन भी तुरंत न्याय दिलाने में सक्षम साबित नहीं हुआ.यह वाकया यह जाहिर करने के लिए काफी है की गरीबों को तुरंत या समय प़र न्याय मिल पाना मुमकिन नहीं है.खबर भेजे जाने तक जाम जारी था.रब जाने इस पीड़ित परिवार का क्या होगा

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।