जून 22, 2012

सहरसा सदर अस्पताल में दवा के लिए घमाशान

रिपोर्ट : चन्दन सिंह :   कोसी प्रमंडल के PMCH कहा जाने वाला सहरसा सदर अस्पताल इनदिनों बेइंतहा लापरवाही और बदइन्तजामी के अलावे तरह--तरह के जौहरनुमा क्रिया--कलापों की नयी ईबारत लिख रहा है.आलम यह है की महिला दवा काउंटर प़र पुरुष और महिलायें दोनों एक साथ भीड़ की शक्ल में जमा होकर दवा लेने की खातिर मरने--मारने प़र उतारू हैं.दवा काउंटर मेला स्थल में तब्दील है जहां बीमार मरीज के लिए दवा लेने के लिए कई घंटों से खड़े मरीज के महिला और पुरुष परिजन खुद बीमार होने के कगार प़र खड़े हैं.सदर अस्पताल में दवा के लिए मचे घमाशान प़र आज हम आपको सहरसा सदर अस्पताल में मची अंधेरगर्दी की बेहद ख़ास तस्वीर दिखाने जा रहे हैं. 
महिला दवा काउंटर
सदर अस्पताल का महिला दवा काउंटर लेकिन यह सिर्फ दिखावे का महिला काउंटर है.महिला,पुरुष,बच्चे--बूढ़े और लड़कियाँ,जिन्हें दवा की दरकार है उन सभी को रेलम--पेलम के साथ यहाँ प़र दवा लेने की जुगात करनी है.आप तस्वीरें देखें और खुद अंदाजा लगाएं की यहाँ प़र क्या सही और क्या गलत हो रहा है.हम अपनी तरफ से कुछ भी कहेंगे तो सुशासन बाबू नीतीश जी बुरा मान जायेंगे.यह भीड़ महज थोड़ी देर की भीड़ नहीं है.यहाँ प़र यह मजमा पिछले चार घंटों से लगा हुआ है.खासकर के बुजुर्ग महिलायें,लड़कियों और छोटी बच्चियों को यहाँ प़र खासी मुश्किलों का सामना करना प़र रहा है.बच्चियों का तो यहाँ तक कहना है की उन्हें लग रहा है की दवा लेने से पहले वह खुद बीमार हो जायेगी.सदर अस्पताल सहरसा खुद बिल्कुल बीमार है जिसे शख्त इलाज की जरुरत है.इस अस्पताल में बेजा हरकतें परवान प़र है लेकिन उसपर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है.इस अस्पताल में लोगों की जान बच रही है तो समझिए अल्लाह की ख़ास मेहरबानी है.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।