मई 08, 2012

मौत और जाम

सदर थाना के संतनगर मुहल्ले की बगल से गुजरने वाली सड़क किनारे एक गड्ढे में करीब पच्चीस वर्षीय युवक की लाश को देखकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी.देखते--देखते लाश के आसपास स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी.पहले तो लोगों को लगा की किसी ने युवक की बेरहमी से हत्या कर लाश को वहाँ प़र फेंक दिया दिया है लेकिन बाद में जानकारी मिली की एक ट्रैक्टर बीती रात उस जगह प़र पलट गयी थी जिसे ट्रैक्टर चालक ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रात में ही वहाँ से निकाल लिया था.यह युवक उसी ट्रैक्टर के नीचे दब गया था जिसे किसी ने निकालना मुनासिब नहीं समझा और उसकी इहलीला खत्म हो गयी.मृतक बगल के मुहल्ला हनुमान नगर का रहने वाला निजाम नाम का युवक था जो राज मिस्त्री का काम करता था.हद की इंतहा तो यह है की लोगों ने पुलिस को पाँच बजे सुबह में ही इस घटना की सूचना दी लेकिन पुलिस करीब नौ बजे पहुंची.नतीजतन आक्रोशित लोगों ने बायपास सड़क को घंटों जाम कर दिया.बड़ी मशक्कत बाद जाम को करीब ग्यारह बजे दिन में खत्म कराया जा सका.अब तो मौत प़र बस तमाशा भर होता है.ठीक से मातम भी नहीं मनता.अगर किसी गरीब की मौत हुई तो समझिए की वह तो बेजा की बात है.अधिकारियों का क्या है,उन्हें तो बस अपनी ड्यूटी बजानी है वह भी उनकी खुद की मर्जी के मुताबिक़.बदले हुए निजाम में भी कहीं से कुछ भी ठीक--ठाक नहीं लग रहा है.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।