अप्रैल 30, 2012

पूर्व विधायक संजीव झा को जान से मारने की धमकी

सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक संजीव झा 
सुशासन में कानून और अमन के राज कायम होने के दावों की पोल-पट्टी अब धीरे--धीरे खुलती नजर आ रही है.अपराधी अपने बढे हौसलों के दम प़र अब सुशासन के मंत्री और नेताओं को भी बख्सने के मूड में नहीं हैं.बीती रात और आज सुबह अज्ञात अपराधी ने मोबाइल से सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक को गोली मारकर उनकी इहलीला खत्म करने की धमकी दी है.इस घटना से जहां पूर्व विधायक दहशत में हैं वहीँ पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी है.पीड़ित भाजपा के पूर्व विधायक ने इस घटना के बाबत सदर थाना में लिखित आवेदन देकर ना केवल अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है बल्कि त्वरित तरीके से उचित कारवाई की मांग भी की है.हद की इंतहा तो यह है की इस घटना को लेकर जब पीड़ित पूर्व विधायक ने पुलिस के आलाधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो उनके मोबाइल के स्विच ऑफ थे.आहत पूर्व विधायक ने अधिकारियों के इस रवैये को लेकर सुशासन प़र सवाल भी खड़े किये हैं. पूर्व विधायक ने बताया की बीती रात करीब ग्यारह बजे जब वह अपने आवास प़र पहुँचे तो अचानक उनका मोबाइल बज उठा.उन्होनें जब मोबाइल प़र कॉल रिसीव किया तो पहले तो उन्हें भद्दी--भद्दी गाली दी गयी फिर गोली मारकर उन्हें परलोक पहुंचाने का फरमान सुनाया गया.पूर्व विधायक ने जब यह पूछा की आप कौन बोल रहे हैं तो जबाब में कहा गया तुम्हारी मौत.पूर्व विधायक ने कहा की उनसे धमकी देने वाले ने कहा की अब तुम विधायक नहीं रहे इसलिए नेतागिरी छोड़ दो वर्ना तुम्हारी जान नहीं बचेगी.ठीक इसी तरह का फोन उन्हें आज सुबह सात बजकर नौ मिनट प़र आया.विधायक ने घटना के बाबत अग्रतर कारवाई करने के लिए एक आवेदन सदर थाना में दे दिया है.सबसे ख़ास और चौंकाने वाली बात यह है की पूर्व विधायक ने धमकी को लेकर सहरसा के एस.पी अजीत सत्यार्थी से बात करनी चाही तो एक बार वे बाथरूम थे.उसके बाद उन्होनें कई बार उन्हें फोन लगाया लेकिन उनके मोबाइल का स्विच ऑफ हो गया.यही नहीं पीड़ित पूर्व विधायक ने इस बाबत कोसी रेंज के डी.आई.जी संजय सिंह से भी बात करनी चाही लेकिन उनके मोबाइल का स्विच भी ऑफ निकला.पीड़ित पूर्व विधायक ने अधिकारियों के मोबाइल के इस तरह से बन्द रहने को काफी खतरनाक बताते हुए कहा की अगर मोबाइल बन्द रहने के दौरान कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा.उन्होनें सुशासन प़र भी सवाल खड़े किये.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।