अप्रैल 30, 2012

सांढ़ ने कुचल--कुचल कर मार डाला

आज सुबह एक बौराए सांढ़ ने एक रेलवे कर्मचारी को अपने पाँव और सिंग से कुचल--कुचल और रौंदकर मार डाला.सहरसा के रेलवे कोलोनी स्थित मुख्य सड़क प़र इस खून-चटोरे सांढ़ ने इस रेलवे कर्मचारी को चीर डाला.हद की इंतहा देखिये की दिन के उजाले में सांढ़ ने इस घटना को अंजाम दिया.लोगों ने ईंट--पत्थर मारकर इस सांढ़ को भगाने की हर संभव कोशिश की लेकिन सांढ़ ने जबतक इस कर्मचारी की जान नहीं निकाल दी तबतक वह वहीँ प़र डटा रहा.घटना को अंजाम देकर सांढ़ विजयी चाल में वहाँ से विदा हो गया.इस घटना से पूरे इलाके में जबरदस्त सनसनी फैल गयी है.सांढ़ ने अनिल यादव के ना केवल पेट को पूरी तरह से फार डाला बल्कि शरीर के कई हिस्सों के चिथड़े उड़ा डाले.यह घटना आज सुबह करीब आठ बजे की है.अनिल अपने एक सहयोगी के साथ गाँव जाने के लिए निकला था लेकिन सांढ़ ने इसे गाँव की जगह परलोक पहुंचा दिया.अनिल का सहयोगी किसी तरह इस सांढ़ की चपेट में आने से बच गया. जिस वक्त घटना घटना घट रही थी उस समय सड़क प़र लोगों की खूब आवाजाही थी.लोगों ने अपनी नंगी आखों से सांढ़ की बर्बरता देखी और उन्होनें सांढ़ को ईंट--पत्थर मारकर भगाना चाहा ताकि किसी तरह से अनिल की जान बच सके.लेकिन सांढ़ बिना उसकी जान लिए वहाँ से टस से मस नहीं हुआ.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।