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दरिंदगी के शिकार बच्चे |
मौका मिलते ही लोग कमजोरों पर अपनी ताकत दिखाने से बाज नहीं आते.सहरसा के बंगाली बाजार में चोरी के आरोप में दो मासूम नौनिहालों को जंजीर में जकड़कर इसतरह रखा गया था मानो वे किसी आतंकी संघटन के बड़े दहशतगर्द और खून चटोरे हों.ऐसा लग रहा था की सैलाब की तरह उमड़े लोग जंजीर में जकड़े इन मासूमों को अपने सामने देखकर एक तरह से अपनी मूछें तरेरकर अपनी ताकत दिखा रहे हों.हद बात तो यह भी थी की इस तमाशे में एक पुलिस वाला भी अपनी बेशर्मी दिखाने के लिए वहाँ मौजूद था.

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विजय ठाकुर,पुलिस जवान |
सहरसा पुलिस की बेशर्मी की जिन्दा मिशाल हैं.दो बच्चों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं और ये पुलिस का जवान भीड़ का एक हिस्सा बना ना केवल बेशर्मी की सारी दीवारें गिरा रहा है बल्कि यहाँ मौजूद लोगों का हौसला भी बढ़ा रहा है.
सहरसा टाइम्स की पहल के बाद पहले तो इन मासूमों को सदर थाना ले जाया गया जहां इनसे पूछताछ के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया.आखिर आज भीड़ क्यों कानून को अपने हाथों में लेने को आमदा है.अगर यही आलम रहा तो फिर पुलिस और अदालत की क्या और कैसी जरुरत रह जायेगी.
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