दिसंबर 14, 2011

फरियाद के अनोखे अंदाज

सेवायात्रा के दुसरे दिन मुख्यमंत्री को लुभाने के लिये जनप्रतिनिधि ने नया तरिका अपनाया.  कराके की ठण्ड में जनप्रतिनिधि ने दंड प्रणाम देके सहरसा में रह रहे अनाथ बच्चे के लिये सूबे के मुखिया से उनकी समस्याओं को लेकर मिले. तो दूसरी तरफ अनाथालय के बच्चे ने इसी कराके की ठण्ड में आपने कन्धों पे कांवर रख कर नीतीस की जाय जाय कार करते जनता दरवार में पहुंचे. वंही दूसरी तरफ पटुआहा के  भिखमंगों ने ढोल मिरदंग के साथ नीतीस के जनता  दरवार पंहुचे. 
ये नजारा नीतीस के जनता दरबार में जाने का है देखिये किस तरह से जनप्रतिनिधि ने नीतीस को लुभाने का नया तरिका अपना लिया है.. इस कराके की ठण्ड में ये भाई साहब रोड पे दंड प्रणाम दे रहे है.लेकिन नीतीस बाबु ऐसे कई खेल देख चुके है उनपर कोई फर्क नहीं परने वाला है. जाहिरतौर पर यंहा के लोगो के पास समस्याओं की कमी नहीं है.राशन कार्ड से लेकर वृधा पेंशन तक की समस्या से यंहा लोग निचले अधिकारी से लेकर उच्च अधिकारी तक की लराई लरते रहते है. आज उनके सामने सूबे के मुखिहा है तो उनके बेसर्बी की बांध टूट चुकी है नीतीस से मिलने को लोगो ने नए नए तरीके अपने....
कुछ भी हो सेवायात्रा इनके हक़ में कितने कारगर होते है ये देखने वाली बात है.. फिलवक्त नीतीस बाबु अपनी जुवा से कुछ भी नहीं कह रहे है. प्रेस से मुखातिब होना ये मुनासिब नहीं समझते.. ये जानते है की यंहा सवाल पे सवाल पूछे जायेंगे.. इस लिए चुप रहने मै ही अपनी भलाई है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।