अगस्त 18, 2011

अन्ना को समर्थन फ्रेंड्स ऑफ आनंद मोहन

                 अन्ना की हुंकार
अन्ना को समर्थन फ्रेंड्स ऑफ आनंद मोहन का


कोसी क्षेत्र के कद्दावर और बिहार की राजनीति में ख़ासा दखल और दमखम रखने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन के समर्थक आज ना केवल अन्ना के समर्थन में रोड पर उतरे बल्कि मशाल जुलूस निकालकर अन्ना को मंजिल तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया.... इससे हम अनुमान लगा सकते है की अन्ना के इंकलाब की गूंज हर वो राजनेता के कानो तक जा पहुची जो महज कुर्शी के लिए सोनिया जी  से हाथ MILAAEI थी.. अन्ना की जय हो की नारों से सहरसा का परिद्रिषा   
                                                                                   बदल  सा चूका है.......
          फ्रेंड्स ऑफ आनंद मोहन के बैनर तले सहरसा के गंगजला स्थित आनंद मोहन के आवास से सैंकड़ों की तायदाद में निकला आनंद मोहन के समर्थकों का काफिला शहर के तमाम मुख्य मार्गों से होता हुआ कुंवर सिंह चौक पहुंचा जहां इनलोगों ने कुंवर सिंह की प्रतिमा के सामने केंडल जलाकर अन्ना को मंजिल तक पहुंचाने का संकल्प लिया.बताते चलें की पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता हैं और पिछले चार साल से सहरसा जेल में बन्द हैं.अन्ना के समर्थन में उतरे उनके समर्थकों की हुंकार को देखकर ऐसा लगता है ...
सहरसा के कांग्रेसियों में कई फाड़ हो जायेंगे.ख़ास बात यह है की आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद कॉंग्रेस नेत्री हैं और उनके पति के समर्थक कौंग्रेस पर हमले कर रहे हैं.आज के इस वाकये से कोसी क्षेत्र की राजनीति में भी भूचाल आने की संभावना है.आईये पूरे मुद्दे को लेकर आनंद मोहन के समर्थक क्या कहते हैं यह उन्हीं की जबानी सुनते हैं.

 

आनंद मोहन के समर्थकों के अन्ना के पक्ष में उतरने से अन्ना को कितना फायदा होगा यह तो बाद की बात है लेकिन इतना तो तय है की अन्ना के समर्थन में अब कॉंग्रेस के भीतर भी बगावत के सूर जरुर उठेंगे.कहते हैं की एक के आगे बढ़ने पर कारवां खुद ब खुद बनने लगता है........................

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।