मार्च 14, 2017

कबीरा धाप बाज़ार में होली सौहार्दपूर्वक मनाया गया...

सलखुआ से रीगन कुमार की रिपोर्ट --------
सलखुआ प्रखण्ड के पूर्वी कोसी तटबन्ध के अंदर सोमवार को कबीरा धाप बाजार में युवकों के द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। साथ ही फरकिया विकास संघठन समिति का गठन भी किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक फाग, बसंत गायनकार्यक्रम से किया गया. इस होली मिलन समारोह में कबीरा धाप बाजार के रामभरोश प्रसाद महतों, एडिशन कुमार, सोनू सुमन, सुनील यादव, डेविड, डॉ.अरबिन्द कुमार, विकाश कुमार उदेश महतों, सुभाष चंद्र महतों सहित कई सम्मानित व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। सभी लोगों ने एक दुसरे को अबीर गुलाल लगा कर होली की मुबारकबाद दी। वही इस अवसर पर सलखुआ संवाददाता रीगन कुमार को सभी बाजार वासियों ने रंग अबीर लगा कर होली मिलन समारोह में स्वागत किया। सभी ने सौहार्द पूर्वक होली मिलन समारोह मनाए।
इस अवसर पर रामभरोश प्रसाद महतों ने कहा कि होली एक अति महत्व त्यौहार है जो लोगों के जीवन में रंग भरने का काम करती है सभी लोग इस त्यौहार को आपसी भाई चारे के साथ मनायें।वही साथ ही फरकिया विकास संगठन समिति का गठन किया गया। संगठन में अध्यक्ष पद के लिए उदेश महतों,उपाध्यक्ष अरबिन्द चौधरी,सचिव सुनील यादव,उप सचिव शशिभूषण महतों,कोषाध्यक्ष गंगा राम महतों ,उप कोषाध्यक्ष बिकाश कुमार सिंह,लेखपाल सोनू सुमन,संजय कुमार झा को सर्व सम्मति से चयनित किया गया,वही संगठन के अध्यक्ष उदेश महतों ने बताया संगठन का मुख्य उद्देश्य फरकिया के विकास के लिए समर्पित होगा।सभी संगठन के सदस्यों ने एक दूसरे के हाथ से हाथ रख कर फरकिया के विकास के लिए संकल्प लिया।
इस अवसर पर बिकाश सिंह,सोनू सुमन,सुनील महतों,अभिषेक आनंद,राजीव महतों,जीतेन्द्र पोद्दार,मंटू कुमार,पवन,प्रवीण,पप्पू,सुबोध,डेविड,हैनिमैन,देवराज,देवेंद्र,सलख, लक्षमण कुमार महतों,संजय महतों,बिनोद जयसवाल,गंगा राम महतों,प्रमोद सिंह,संजय झा,रंजीत महतों,राहुल यादव,मुरारी महतों,अमित आनंद,अरबिन्द महतों,रौशन कुमार उर्फ रंजय ठाकुर,नरेश महतों,इंद्रदेव महतों,राजीव उर्फ़ पुलिस कुमार,मनीष कुमार,प्रवीण कुमार,प्रमोद कुमार,मंटू होदा आदि मौजूद थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।