मार्च 30, 2017

11 हजार दीपों से रौशन हुआ मंदिर

मलय झा की रिपोर्ट -----
विक्रम संवत 2074 के आगमन पर श्रीराम सेवा संघ पूर्णियां इकाई के सदस्यों ने राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 31के जेल चौक के समीप स्थित आस्था मंदिर में 11 हजार दीये जलाकर भारतीय नववर्ष का स्वागत किया। 
एक साथ 11 हजार दीये की जगमगाहट से चहुंओर दीवाली सा नजारा था। पूरे मंदिर परिसर में चारों ओर टिमटिमाते मिट्टी के दीये की रौशनी एक अदभुत छटा बिखेर रही थी। इस मौके पर बड़ी संख्या में पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने पूरे  भक्तिभाव के साथ भगवान की स्तुति की और दीये भी जलाए। 
रौशनी से आलोकित अदभुत नजारे को हर कोई कैमरे में कैद करते दिखे। मंदिर को आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया था। श्रीराम सेवा संघ के सदस्यों ने नववर्ष के आगमन पर मंदिर पहुंचे भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया। संघ के संयोजक राणा प्रताप सिंह ने कहा कि नववर्ष के आगमन पर दीप प्रज्वलन कर हम अपनी खोई संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
उन्होंने ने इस पर्व का वैज्ञानिक महत्व बताते हुए कहा कि चैत्र मास में चारों ओर हरियाली और खुशहाली का माहौल रहता है , पेड़ों में नवपल्लव, मंजर और कोयल की कूक से वातावरण में आनंद का एहसास होता है। 
संघ के सदस्यों ने नववर्ष के आगमन पर सबों को बधाइयां दी। इस अवसर पर श्रीराम सेवा संघ के सदस्य आतिश सनातनी, अंकित सिंह, सौरव सिंह, अक्षय मिश्र,सूरज कुमार साह सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।