फ़रवरी 13, 2017

प्रिंट मीडिया की अब तक की सबसे बड़ी डील...

एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ----
 रिलायंस ने पांच हजार करोड़ में खरीदा हिंदुस्तान टाईम्स ग्रुप ........
शोभना भरतिया का मुकेश अंबानी के साथ हुयी डील ......
मजीठिया आयोग की सिफारिशों से तंग थी शोभना .........
सुप्रीम कोर्ट और श्रम विभाग भी मजीठिया आयोग की सिफारिशों पर थे गंभीर आखिरकार पत्रकारों के हित को लगा बड़ा झटका ....
मुकेश अंबानी होंगे एक अप्रैल से हिंदुस्तान टाईम्स के नए मालिक ......
दिल्ली से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक----
लम्बे समय से प्रिंट मीडिया का सरताज बना हिन्दुस्तान टाईम्स ग्रुप अब अपने हाथ--पाँव खड़े कर बिक चुका है ।शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान टाईम्स ग्रुप को मालकिन शोभना भरतिया ने पांच हजार करोड़ रुपये में देश के सबसे बड़े उद्योगपति रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के हाथों बेच दिया है ।सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक प्रिंट मीडिया के इस सबसे बड़े डील के बाद शोभना भरतिया 31 मार्च को अपना मालिकाना हक रिलायंस को सौंप देंगी और एक अप्रैल 2017 से हिंदुस्तान टाईम्स रिलायंस का अखबार हो जाएगा ।इस डील के बाद कयासों का बाजार गर्म है की एक अप्रैल 2017 से रिलायंस प्रिंट मीडिया पर अपना कब्जा जमाने के लिए मुफ्त में ग्राहकों को हिंदुस्तान टाईम्स अखबार बांटेगा ।जिस तरह से रिलायंस ने जियो सिम और मोबाइल बाजार में लाकर मुफ़्त सेवा ग्राहकों को दी है,ठीक उसी तर्ज पर अखबार बांटने की भी योजना है ।वैसे ये मुफ्त की स्कीम कहाँ-- कहाँ चलेगी इस बात की पुष्टि अभीतक नहीं हो पाई है ।बताना बेहद जरुरी है की इस पांच हजार करोड़ की डील में कौन-कौन से हिंदुस्तान टाईम्स के एडिशन हैं और क्या उसमे दैनिक हिंदुस्तान हिंदी भी शामिल है,इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है ।हमारे पास जो जानकारी उपलब्ध है,उसके मुताबिक हिंदुस्तान टाईम्स को रिलायंस ने पांच हजार करोड़ रुपये में ख़रीदा है और हिंदुस्तान टाईम्स ने ये समझौता रिलायंस से कर्मचारियों के साथ किया है ।अगर हमारी जानकारी सच होती है,तो हिंदुस्तान टाईम्स के कर्मचारी 1 अप्रैल से रिलायंस के कर्मचारी हो जाएंगे ।फिलहाल रिलायंस द्वारा प्रिंट मीडिया में उतरने और हिंदुस्तान टाईम्स को खरीदने तथा मुफ्त में अखबार बांटने की खबर से देश भर के अखबार मालिकों में हड़कंप का माहौल है ।सबसे ज्यादा टाईम्स ऑफ इंडिया के प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है ।शोभना भरतिया और रिलायंस के बीच यह डील कोलकाता में कुछ बैंकरों और अधिकारियों की मौजूदगी में हुयी है ।
मुकेश अंबानी हिन्दुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपति हैं और बाजारबाद की समझ उनमें कूट--कूटकर भरी हुयी है ।विभिन्य उद्योगों के अलावे मुकेश अंबानी पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न्यूज 18 ग्रुप के स्वामी हैं ।अब प्रिंट मीडिया भी उनके हाथ में होगा ।प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ को मुकेश पूरी तरह से अपनी मुट्ठी में करने जा रहे हैं ।ऐसे में कई सवाल एक साथ खड़े हो रहे हैं ।क्या एक बड़े उद्योगपति मीडिया के बुते पुरे देश को अपने इशारों पर नचाना चाहते हैं ?क्या आने वाले दिनों में पत्रकारों के साथ न्याय होगा ? पीठ दिखाकर भागी शोभना की विरासत को मुकेश अंबानी कैसे और किस तरह से आगे बढ़ाएंगे ? मजीठिया आयोग की सिफारिशों का क्या होगा ? देश के हर तबके पर तटस्थ नजर रखने और मामलों की निष्पक्ष पड़ताल करने वाली मीडिया आगे कितना साफ रह पायेगी ?बड़े पत्रकारों की तो बल्ले--बल्ले है लेकिन तहसील और कस्बे के पत्रकारों का क्या होगा ?शोभना से मुकेश की यह डील देश हित में कितना मुफीद साबित होगा,इसे देखने और परखने में थोड़ा वक्त लगेगा ।लेकिन फिलवक्त हम ताल ठोंक कर कहते हैं की प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हालिया कुछ वर्षों से संक्रमण काल से गुजर रहा है ।मुकम्मिल पत्रकारिता बेपटरी हुयी,हासिये पर दिख रही है ।यूँ हम यह उम्मीद करते हैं की आने वाले समय में पत्रकारिता प्राजातंत्र का सबसे मजबूत खम्भा साबित हो ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।