फ़रवरी 14, 2017

कुमारी आशा प्रधानाध्यापिका को भावभीनी विदाई

 निरंजन कुमार की रिपोर्ट::- सिमरी बख्तियारपुर
प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मध्य विद्यालय सैनी टोला के प्रांगण में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में प्रधानाध्यापिका  कुमारी आशा को भावभीनी विदाई दी गयी. समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी पार्षद उत्तम लाल यादव ने किया। मंच संचालन समन्वयक अनुमंडल प्रवक्ता अकबर आलम ने किया।
 कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय की छात्राएं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गान से हुआ। समारोह कार्यक्रम में सेकड़ो स्थानीय गणमान्य लोगों के अलावे विभिन्न विद्यालयों के प्रधान शिक्षक, संकुल समन्वयक आदि ने हिस्सा लिया.इस दौरान सेवानिर्वित प्रधानाध्यापिका  कुमारी आशा को शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया.विदाई समारोह के दौरान वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा जगत में उषा कुमारी को हमेशा याद किये जायेंगेमौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित  प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नूनू मनी सिंह ने कहा कि उषा कुमारी शिक्षिका ही नहीं ही नहीं एक अभिभावक की भूमिका में इस विद्यालय को प्रारंभ से सींचा है इनमें कभी अहंकार नहीं देखा गया। वहीं उम्मीद जतायी कि सेवानिवृत्ति के पश्चात भी इनका जुड़ाव विद्यालय से आगे भी जारी रहेगा।वहीं विदाई स्वरूप उन्हें शॉल सहित अंगवस्त्र आदि भेंट किये गये। इसके साथ ही अन्य उच्च विद्यालयों के द्वारा भी उन्हें उपहार भेंट किये गये। इतना ही नहीं दर्जनों छात्राओं ने भी अपने गुरु को भेंट समर्पित किया। मौके पर वक्ताओं ने उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ, मृदृभाषी, सहृदय एवं समर्पित शिक्षका बताया इस दौरान मुख्य रूप बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव वरीय उपाध्यक्ष नुनु मणि सिंह सुखदेव मंडल प्रधान सचिव किशोर साह मिथिलेश सिंह कोकव सुल्ताना ललन कुमार सत्यवान कुमार ब्रह्मदेव यादव रेवती रमन सिंह समन्वयक अनुमंडल प्रवक्ता अकबर आलम प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह मनोज रामप्रवेश डॉ वकील प्रसाद सुल्तान अहमद सुखदेव मंडल बिरंची यादव इंद्र भूषण योगेंद्र सुनीलाल भोगी लाल यादव विपिन गुप्ता महेसर ठाकुर चंदन रामसुंदर यादव विपिन सेकड़ो की संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।