जनवरी 31, 2017

मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है ----- आनन्द मोहन


मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट----सहरसा जेल में बन्द पूर्व सांसद आनद मोहन ने आज मंगलवार को बड़ा और सनसनीखेज बयान दिया है । 
एक मामले में पेशी के लिए सहरसा कोर्ट पहुंचे आनंद मोहन ने पत्रकारों को चलते--चलते कहा मेरी हत्या की सहरसा जेल में साजिश रची जा रही है ।खुले सफे से उन्होंने कहा की मेरी सजा अब पूरी होने जा रही है, इसका फायदा कुछ लोग मेरी हत्या करके उठाना चाहते हैं । उन्होनें जेल के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा की इन अधिकारियों के द्वारा जेल में गुटबाजी को प्रश्रय दिया जा रहा है ।इन्होंने जेल के भीतर चल रहे खेल--तमाशे का भी खुलासा करते हुए कहा की खुलेआम जेल के भीतर शराब और अन्य मादक पदार्थ पहुँचता है, जिसका कई बन्दी सेवन कर के जेल के भीतर हुड़दंग मचाते हैं ।इसके अलावे जेल में बन्द कई कुख्यात और दबंग बंदी थोक में मांस और मछली मंगाकर समय--समय पर पिकनिक मनाते हैं ।
बताना लाजिमी है की पूर्व सांसद गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृषनैया ह्त्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं ।नौ वर्षों से ज्यादा वे जेल में बिता चुके हैं ।फिलवक्त वे अभी सहरसा जेल में बंद हैं ।आनंद मोहन ने कहा की जेल के भीतर वे सदैव बंदियों के हित के लिए गर्मजोशी से आवाज उठाते हैं ।इससे भी वे जेल प्रशासन की  आँख की किरकिरी बने रहते हैं ।वे साजिश के शिकार होकर सजा काट रहे हैं ।वे राजनीतिक बंदी हैं कोई अपराधी नहीं ?जेल प्रशासन के रवैये से जेल में बंद कई अराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है । 
 उन्होनें आजतक ना तो कभी घुटने टेके हैं और ना ही उन्हें,मौत का कोई भय है ।लेकिन उन्हें साजिश की बू आ रही है ।इसलिए वे जेल प्रशासन,राज्य सरकार और आम जनता तक यह संवाद पहुंचा रहे हैं ।उन्हें सब से ज्यादा भरोसा,अदालत,जनता,ईश्वर और खुदी पर है । बताना लाजिमी है की बीते कुछ दिनों से जेल की स्थिति ठीक नहीं है ।कई बार पगली घंटी बजी है और बंदियों की पिटाई हुयी है ।मुख़्तसर में कहें,तो,जेल के हालात सही नहीं है ।इस मामले में राज्य मुख्यालय में बैठे जेल अधिकारी को सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए,ताकि किसी तरह की कोई अनहोनी ना हो ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।