सितंबर 20, 2016

पाकिस्तान झूठा देश और फरेबी है


कहते हैं मुसलमानों का ईमान अल्लाह के बराबर होता है
हो सकता है मुट्ठी भर ऐसे मुसलमान हो जो पाक हों
पाकिस्तान के साथ--साथ भारत को आंतरिक युद्ध भी लड़ना होगा
हिन्दुस्तानियों जागो, अब हम अपने सैनिकों को मरने नहीं देंगे
यह देश शूरवीरों और वीरांगनाओं का है............. 
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक-----अब सूझ--बुझ,रणनीति,या फिर देरी दिलेरी नहीं,कायरता होगी ।पाकिस्तान एक जालिम देश है ।आप आंकड़े उठाकर देख लें इस देश ने डॉक्टर,इंजीनियर और बड़े ऑफिसर की तुलना में ज्यादे आतंकी बनाये हैं ।हद यह है की ऊँचे दर्जे की कुर्सी पाने वालों को वहाँ के हुक्मरान और सेना ने मिलकर बाद में आतंकी  भी बनाया है ।विश्व में जितने भी आतंकी संगठन बने है,उसका सूत्रधार पाकिस्तान रहा है ।महात्मा गांधी की नादानी और पंडित नेहरू की बुजदिली के जिक्र भर से अब काम नहीं चलने वाला है ।हिन्दुस्तान में कश्मीर घाटी को आतंकियों ने अपना मजबूत ठिकाना बना लिया है ।सेना वहाँ ज्यादा कार्रवाई करेगी तो आम--अवाम के भी मारे जाने का खतरा है ।घाटी में ठीक से पुलिसिंग नहीं हो पा रही है ।एक बड़ी बात यह है की सेना और पुलिस से  आतंकियों के सूचना तंत्र ज्यादा मजबूत हैं । जम्मू,कश्मीर और श्रीनगर इलाके में आतंकी लगातार बड़े हमले कर रहे हैं और हम अपने जवानों और अफसरों की लाशों को गिनभर रहे हैं और मातमी धुन के साथ उन्हें सेल्यूट कर रहे हैं ।
यह कहीं से भी जायज नहीं है ।कश्मीर के उरी में जो घटना घटी,उसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी रूस की यात्रा रद्द कर दी ।रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और गृह मंत्री राजनाथ सिंह दोनों उरी गए ।लेकिन इससे क्या होगा ।टेबुल पर बैठकर जायकेदार शरबत और बिरयानी का अब वक्त नहीं रहा ।अब बारूद का धुंआ दिखना चाहिए ।हमें पता है की पाकिस्तान से युद्ध का आगाज होते ही गृह युद्ध की भी स्थिति बन सकती है ।लेकिन इस मुल्क के ज्यादातर मुसलमान देशभक्त हैं और वे ऐसे नापाक मंसूबों वालों को खुद खुनी सबक देंगे ।जाहिर तौर पर हम घाटी में कमजोर है वर्ना अस्त्र-शस्त्र और एक से एक मिसाइल में हम पाकिस्तान से आगे हैं ।अमेरिका ने हमें पाकिस्तान स्थित उसके एयर बेस के उपयोग करने की ईजाजत हमें दे दी है ।जिस तरह लादेन का शिकार किया गया था उसी तरह पाकिस्तान घुसकर हाफिज सईद और उसके जैसे कुछ खुनी आतंकियों का सफाया करना बेहद जरुरी है ।
हम जानते हैं की हमें पाकिस्तानी सेनाओं के साथ--साथ पाकिस्तानी आतंकी और भारत में आ बैठे आतंकियों से भी युद्ध करने हैं ।ऐसे में साधू--संतों से राय लेने की जगह रक्षा सलाहकार,विशेषज्ञ और पूर्व के बड़े सैन्य अधिकारियों से त्वरित वार्ता करके युद्ध का शंखनाद करना होगा ।देश माँगता है कुर्बानियां ।खद्दरधारियों अब तो देश हित की सोचो ।विभिन्य स्टेट में बैठे राजनीतिक सूरमाओं अपने चोंचले चलाना बंद करो ।कुछ जोकर किस्म के नेताओं ने आज इस देश को इस मुकाम पर पहुंचा दिया है ।
विश्व के किसी भी देश में अगर मुसलमान भाई ज्यादे सुरक्षित और खुशहाल हैं तो वे हिन्दुस्तान में है ।मुस्लिम भाईयों जागो ।चलों कंधा से कंधा मिलाकर ।लड़ाई बड़ी है ।विश्व को बताना है की भारत का सच्चा मुसलमान हिन्दुस्तानभक्त है ।चलो भाईयों चलो,पाकिस्तान का नामोनिशान मिटाना है ।
आखिर पाकिस्तान से अगर युद्ध की नौबत आई,तो,देश के प्रधानमन्त्री और रक्षा मंत्री सहित सेनाध्यक्ष से आग्रह है की ""मैं एक अदना सा पत्रकार हूँ""मुझे सेना का नेतृत्व करने का मौक़ा मिले ।क्षत्रिय होने का शौर्य और अंगार बरसाकर ज़िंदा लौटूंगा पाकिस्तान से ।अगर शहीद हुआ,तो बस इतनी कृपा करेंगे की मेरे परिजनों को किसी भी तरह के मुआवजे की गाली की जगह एक सम्मान पत्र दे देंगे ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।