अगस्त 11, 2016

रंगदारी दो नहीं तो भेजे में उतार देंगे बुलेट.....

गुंडों के निशाने पर धरती के भगवान रंगदारी दो नहीं तो भेजे में उतार देंगे बुलेट 
डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह से मोबाइल पर एसएमएस कर के मांगी पच्चीस लाख की रंगदारी 
आखिर क्या करें डॉक्टर ?
जान की सलामती के बिना कैसे होगा ईलाज ?
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक--- 
सहरसा सहित कोसी और सीमांचल इलाके में धरती के भगवान की जान अब रंगदारों के रहमो--करम पर है । आये दिन गुंडे फोन के जरिये या फिर एसएमएस के माध्यम से डॉक्टरों से ना केवल रंगदारी की मांग कर रहे हैं बल्कि जान से मारने की उन्हें खुली धमकी भी दे रहे हैं । सहरसा के नामी डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह से कल उनके निजी मोबाइल पर अपराधियों ने एसएमएस के जरिये 25 लाख रूपये रंगदारी की मांग की ।हम अपने पाठकों को गुंडे के द्वारा भेजे गए एसएमएस को भी दिखा रहे है की वे खुद से इसे पढ़े और सुशासन में क्या हो रहा है समझें । Kan mai bulet gayega to sub sunayi dega,,pure 25 lakh ready ker massage karo. es baar sp, cm, koi nahi bacha payega tumhe.. पढ़ा आपने । इसबार रूपये चाहिए तो बस चाहिए। इस दफा सीएम और एसपी भी जान नहीं बचा पाएंगे । 
बताना लाजिमी है की डॉक्टर ब्रजेश से गुंडों ने पहले भी पच्चीस लाख की रंगदारी की मांग की थी । बीते कुछ महीनों की बात करें तो, अपराधियों ने सहरसा के ख्यातिलब्ध डॉक्टर आई.डी.सिंह से एक करोड़, डॉक्टर ललन कुमार से दस लाख, कोसी पैथोलॉजी से दस लाख, डॉक्टर सिद्दार्थ से पांच लाख रूपये रंगदारी की मांग की है ।यही नहीं डॉक्टर गणेश यादव के अपहरण की कोशिश भी की गयी है। इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र के कुछ डॉक्टरों से भी रंगदारी की मांग की गयी है ।
अपराधियों के द्वारा लगातार रंगदारी की मांग से डॉक्टर ब्रजेश सहित इलाके के सभी डॉक्टर बेहद परेशान और खौफजदा हैं । बीते 26 जुलाई की रात में डॉक्टर ब्रजेश की कार पर सदर थाना के महिला चौक के समीप अपराधियों ने गोली भी चलाई थी ।अभी तक पुलिस गोलीबारी की उस घटना का पटाक्षेप भी नहीं कर पायी है की रंगदारों ने डॉक्टर ब्रजेश से रंगदारी की मांग करके अपनी ताकत बता दी है । 
हम अपने पाठकों को बता दें की लगातार अपराधियों के खौफ से आजिज डॉक्टरों ने सहरसा में हड़ताल भी की थी और जिला पदाधिकारी से सामूहिक हथियार के लायसेंस की मांग भी की थी । 
आश्चर्य तो इस बात का है की अपराधी इस कदर बेलगाम होकर घटना को अंजाम दे रहे हैं और खाकी की कहीं मौजूदगी नहीं दिख रही है ।लग रहा है की इस इलाके में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है ।अपराधी मस्त और उनकी बल्ले--बल्ले है ।लेकिन पुलिस सुस्त और बिल्कुल नकारा ।जाहिर तौर पर अपराधी ना केवल पुलिस पर भारी पर रहे हैं बल्कि अपराध की जय हो,का जयकारा भी लगा रहे हैं । 
अगर डॉक्टर ब्रजेश के मामले में पुलिस ने त्वरित और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो डॉक्टर आईएमए के बैनर तले एकबार फिर सामूहिक हड़ताल पर जाएंगे ।बड़ा सवाल यह है की आखिर खाकी की चमक दिनों दिन कम क्यों होती जा रही है ।इस मामले में पुलिस के बड़े  अधिकारी काण्ड दर्ज कर,कार्रवाई की जा रही है का तकिया कलाम पढ़ रहे हैं ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।