

सदर अस्पताल में पड़ी यह लाश डेजी देवी की है । पारिवारिक कलह से तंग आकर इसने गेंहूँ में डालने वाली दवा सल्फास ना केवल खुद खा लिया बल्कि अपनी तीन वर्षीय और पांच वर्षीय बेटियों को भी खिला दिया ।सदर अस्पताल में इलाज के दौरान डेजी देवी की मौत हो गयी । दोनों बच्ची भी सदर अस्पताल में ही भर्ती थी लेकिन पत्नी की मौत से डरा पति पवन यादव दोनों बच्चियों को लेकर अस्पताल से भाग निकला ।
लेकिन ग्रामीणों ने दोनों बच्चियों को पवन से छीनकर उसे गायत्री नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया है,जहां उसकी स्थिति बेहद नाजुक है।
लेकिन ग्रामीणों ने दोनों बच्चियों को पवन से छीनकर उसे गायत्री नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया है,जहां उसकी स्थिति बेहद नाजुक है।
पुलिस के अधिकारी भी घटना की वजह पारिवारिक कलह बताते हुए आगे जांच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं ।नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश कुमार सिंह की मानें तो वे अपनी तरफ से दोनों बच्ची को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें बचा पाना बेहद मुश्किल है । गरीबी,मुफलिसी,बेकारी और फटेहाली ।वजह आखिर जो भी हो लेकिन पारिवारिक कलह और रोज की कीच--कीच ने एक महिला को इतना परेशान किया की उसने अपनी जान तो गंवा ही दी,अपनी दो बच्चियों की जान लेने की भी पुरजोर कोशिश की ।बड़ा सवाल यह है की किसी भी कलह से निजात पाने की जगह लोग अपनी जान क्यों गंवा देते हैं।जीते जी समस्या का समाधान मिल बैठकर क्यों नहीं तलाशते हैं । हमारी समझ से जान देना किसी समस्या का समाधान नहीं है ।
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