फ़रवरी 09, 2016

दबंगों का टुटा कहर महादलितों पर........

** दबंगों ने महादलितों को दौड़ा--दौड़ा कर पीटा.........
** इस भीषण हमले में करीब एक दर्जन लोग जख्मी हुए.......
** तीन की हालत गंभीर है ..........
** घटना के बाद पूरा गाँव जहां पुलिस छावनी में तब्दील..........

मुकेश कुमार सिंह की कलम से---- दबंगों ने महादलितों को दौड़ा--दौड़ा कर पीटा।शव जलने को लेकर हुवा विवाद। करीब एक दर्जन लोग जख्मी,3 की हालात गंभीर। पुलिस की मौजूदगी में घटी घटना । सहरसा के बैजनाथपुर पुलिस शिविर के बैजनाथपुर गाँव की है घटना। घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पुलिस जवानों के साथ कर रहे हैं कैम्प । लाश का दाह--संस्कार कराकर तत्काल मामले को जरूर शांत करा लिया गया है लेकिन गाँव में काफी तनाव है । घटना के बाद आरोपी पक्ष गाँव से फरार हो गए हैं । बड़ा सवाल यह की कहीं यह गुंडाराज का ट्रेलर तो नहीं । 
बैजनाथपुर गाँव में आज दिन में इस गाँव के निवासी चंदेश्वरी सदा की स्वाभाविक मौत हो गयी ।इनके घर के लोगों के साथ--साथ इनके समाज के लोग लाश को जलाने के लिए एक खेत में ले गए लेकिन गाँव के दबंग लखीरन यादव अपने घर के कुछ लोग और कुछ सहयोगियों के साथ हरबे--हथियार से लैस होकर वहाँ आ धमके ।इनलोगों ने उस खेत में लाश के दाह--संस्कार से पहले तो उन्हें रोका लेकिन जब उनकी एक ना चली तो उन्होनें इन महादलितों पर हमला बोल दिया ।
दबंगों का यहां ऐसा कहर बरपा की इन जालिमों ने इन महादलितों को खेत में ही दौड़ा--दौड़ा कर पीटा ।
इस भीषण हमले में करीब एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं,जिसमें से तीन की हालत गंभीर है ।सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है ।करीब डेढ़ घंटे तो यह पूरा इलाका किसी रणक्षेत्र में तब्दील रहा ।

घटना की सूचना बड़े अधिकारियों को दी गयी ।तबतक इन महादलितों ने जख्मी को लेकर एनएच 107 को जाम कर दिया ।मौके पर कई थानों की पुलिस के साथ एसडीओ और एसडीपीओ पहुंचे ।बड़ी मशक्कत के बाद लोगों के गुस्से को शांत कराया जा सका ।पीड़ित पक्ष तो यह भी आरोप लगा रहे हैं की दबंगों ने बैजनाथपुर पुलिस को भी बुला रखा था और सारी घटना पुलिस वालों के सामने और उनके संरक्षण में ही घटी ।


जहांगीरआलम,एसडीओ,सदर 
घटना के बाद पूरा गाँव जहां पुलिस छावनी में तब्दील है वहीं सभी आरोपी गाँव से फरार हैं ।पुलिस के अधिकारी पुलिस जवानों के साथ गाँव में कैम्प कर रहे हैं ।घटना को दुखद बताते हुए अधिकारी ना केवल घटना की पूरी कहानी बता रहे हैं बल्कि दोषियों के खिलाफ शख्त कार्रवाई की बात भी कर रहे हैं । जहांगीरआलम,एसडीओ,सदर और सुबोध विश्वास,एसडीपीओ,सदर तो यह भी कह रहे हैं की अगर पुलिस के सामने ऐसी घटना हुयी है,जांच में यह सामने आया तो पुलिस अधिकारी पर भी कड़ी कार्रवाई होगी ।

मैं चाहूँ ये करूँ,मैं चाहूँ वो करूँ----मेरी मर्जी ।क्या कानून का कोई खौफ नहीं रहा ।क्या महादलितों को अपने मरे हुए स्वजनों के दाह--संस्कार की भी इजाजत नहीं ।ऐसे जुल्म से ऐसा प्रतीत हो रहा है की ये मंजर कहीं गुंडाराज का ट्रेलर तो नहीं ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।