नवंबर 02, 2015

जनता के आशिर्वाद से होगी मेरी जीत................ अरविंद कुमार सिंह

कृष्ण मोहन सोनी के साथ ,मो० अजहर उद्दीन की रिपोर्ट :राजनीती में एक अलग पहचान रखने वाले सामजिक कार्यो में समर्पित अरविंद कुमार सिंह वैसे भी लम्बे समय से जनता के दिलों पर राज करते रहे है.समाज के  हर वर्ग के लोग इनकी ईमानदारी व कर्मठता के कायल है, लेकिन लोकतंत्र में जनता की फैसला सर्वोपरी है. इसलिए ये भी इस चुनाव में  सिमरी बख्तियारपुर विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहें है.
क्षेत्र कि विकास इनका मुख्य मुद्दा है वैसे तो पूर्व से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार व सरकार कि जन कल्याणकारी योजनाओं को लाभुकों तक पहुंचाने की लड़ाई लड़ते रहे है. इस विधान सभा की चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र की जनता के  बीच आशिर्वाद के रूप में एक वोट देने की अपील अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ जनसम्पर्क अभियान में मतदाताओं से  कर रहें है.

हलांकि इस क्षेत्र की जनता बखूबी इन्हें और इनकी जनहित में किये गये कार्य कलापों को जानते है.बावजूद इस बार चुनाव मैदान में मतदाताओं से वोट करने कि माँग कर रहे हैं जन सम्पर्क के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि मैं वर्षो से समाज सेवा करता आया हूँ गरीबों,मजदूरों किसानों व बेरोजगारों की लड़ाई को लड़ता आया हूँ.इस क्षेत्र की विकास जिस रूप में होनी चाहिये थी वो नहीं हुआ.क्षेत्र की जनता हर चुनाव में आशा व विश्वास के साथ यहाँ के जन प्रतिनिधि को चुनती रही है लेकिन यह क्षेत्र विकास की रौशनी से कोशो दूर है कोशी तटबंध के अंदर डगर बाट बीमार लोगों ,मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य केन्द्र स्कूली छात्र - छात्राओं के उच्च शिक्षा के लिए महाविधालय अनुमण्डल से सीधा सम्पर्क के लिए  सड़क, युवाओं के लिए रोजगार महिलाओं के मान-सम्मान व सुरक्षा,किसानों के लिए सरकारी स्तर से कम मूल्य में सिंचाई व खाध - बीज मुहैया कि आवयश्कता है. लेकिन इस  क्षेत्र की जनता इन सारी व्यवस्था सें दूर है.मैं क्षेत्र के विकास के लिए संघर्षरत हूँ मेरी जीत से क्षेत्र का विकास अवश्य होगा मुझे एक मौका चाहिये जनता की आशिर्वाद से मेरी जीत सुनिश्चित है. हम क्षेत्र कि जनता के आशाओं पर खड़े उतरेंगे।            

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।