अक्टूबर 04, 2015

महागठबंधन उम्मीदवार के विरोध में राजद बटे दो खेमे में ....

 कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- बिहार विधान सभा चुनाव २०१५ को लेकर सहरसा विधान सभा सीट के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने गठ्बन्धन के तहत अपना-अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. सहरसा विधान सभा सीट पर जहाँ भाजपा गठ्बन्धन के उम्मीदवार चुनाव में अपनी जित के लिए मसक्कत कर रहे हैं वही महागठ्बन्धन के प्रत्याशी के रूप सहरसा से एक बार फिर राजद के अरुण कुमार यादव को टिकट दिया गया है. पिछले बार भी इस सीट से अरुण कुमार यादव को चुनाव मैदान में राजद ने खड़ा किया था, लेकिन इस सीट को बचा पाने में असफलता हाथ लगी थी और जीत का सेहरा भाजपा के प्रत्याशी आलोक कुमार रंजन ने हासिल किया था. इस हार से राजद खेमे में मायूसी रही थी तब से राजद के कार्यकर्ता इस बार की हो रही चुनाव में जीत सुनिश्चित करने को लेकर जहाँ जनता के बीच संम्पर्क में रहकर कड़ी मेहनत किया वही २०१५ की इस चुनाव में फिर एक बार अरुण कुमार यादव को खड़ा किये जाने से राजद कार्यकर्ता मायूस हो गये हैं. परिणाम यहाँ तक आ पहुंची की सहरसा सीट पर राजद कार्यकर्ता दो खेमे में बंट गये. 
राजद के वागी उम्मीदवार रंजती यादव
रविवार को दो खेमे में बंटे राजद कार्यकर्ताओं व समर्थकों का एक खेमा नये व युवा उम्मीदवार देने को लेकर स्थानीय सुपर बाजार स्थित कला भवन में जनता की अदालत लगाकर नये युवा उम्मीदवार देकर सहरसा विधान सभा सीट की जीत हासिल करने को लेकर विचार विमर्श किया. इस अदालत में विभिन्न पंचायतों व गांवो से भारी संख्यां में राजद कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने हिस्सा लिया. वेसे तो इस बैठक में स्पष्ट रूप में नये प्रत्यासी के रूप में युवा उम्मीदवार के रूप में रंजित यादव को रखा गया जिन्हें फुल मला से लोंगो ने लाद दिया, परन्तु बैठक में रंजित यादव को सहरसा विधान सभा से चुनाव मैदान में उतारने पर ही विचार रखी गयी जिसमे सर्व सम्मति से एक प्रस्ताव रखा गया. लेकिन यह भी उम्मीद किये गये की इस सीट के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नये व युवा उम्मीदवार देने पर एक बार फिर से विचार करे.

इस बात को लेकर एक खेमे के कार्यकर्ता व समर्थक इन्तजार में जरुर हैं की जितना जल्द हो महा गठ्बन्धन के वर्तमान प्रत्याशी को हटाकर नये चेहरे को दे जिसमे रंजित यादव को ही आगे रखा गया है. बैठक में आये समर्थकों व युवाओं की भीड़ ने यह जरुर सावित कर दिया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पूर्व में यह आग की तरह  सुलग रही थी नये चेहरे का इन्तजार भी हो रहा था. लेकिन इस  सीट से महागठ्बन्धन के प्रत्यासी अरुण कुमार यादव को बनाये जाने पर कार्यकर्ता खासे नाराज हैं. यही बजह है की विरोध में जनता की अदालत लगाई गयी. 
कयास यह भी लगाई जा रही है कि अगर उम्मीदवार को नही बदला गया तो सहरसा की इस सीट से एक खेमे के लोग अपना उम्मीदवार देकर महागठबंधन को भारी नुकसान पहुंचा सकते है.
फैसला  जो भी बहरहाल सहरसा सीट के लिए राजद दो भाग में बंट गया है राजद सुप्रीमो अगर समय रहते फेसला नही लेते हैं तो यहाँ महागटबंधन के प्रत्यासी के विरोध में बागी उम्मीदवार भी हो सकता है जिसका नुक्सान महागटबंधन को हो सकता है .

1 टिप्पणी:


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।