अक्टूबर 12, 2015

महिषी विधान सभा से निर्दलीय उम्मीदवार पूनम देव.........

महिषी क्षेत्र की विकास के लिए मुझे यदि एड़ी चोटी एक करना पड़े तो पीछे नही हटूंगी ....  पूनम देव
कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- आगामी 5 नवंबर 2015 को होने वाले बिहार विधान सभा की चुनाव को लेकर सहरसा जिले के कुल चार विधान सभा सीट पर सोमवार को भी निर्दलीय सहित विभिन्न राजनितिक दलों के प्रत्याशियों ने अपने अपने विधान सभा क्षेत्र से नामांकन पर्चा भर कर निर्वाची पदाधिकारी  समक्ष् पर्चा दाखिल किया है. जिसमे सहरसा, सोनवर्षा सुरक्षित क्षेत्र, महिषी विधान सभा से पर्चा दाखिल किया है.इस दौरान महिषी विधान सभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पप्पू देव की पत्नी पूनम देव अपने समर्थको व प्रस्तावकों के साथ नामांकन  पत्र दाखिल किया है.
पूनम  देव ने पर्चा दाखिल में अपने चल अचल  सम्पति का भी ब्यौरा  दिया है. नामांकन  करने के लिए उनके साथ उत्साहित हजारो समर्थको की भीड़ ने इस वार की चुनाव में ख़ास कर महिषी विधान सभा से चुनाव लड़ रही पूनम देव की उम्मीदवारी से खुश नजर आ रहे थे. पूनम देव के समर्थको ने चुनाव आयोग के सभी निर्देशो को देखते हुए शान्ति व सौहार्द पूर्ण वातावरण में गाजे बाजे व भीड़ भरी काफिले को केंद्र से नियमानुसार दूर हटे रहे. जिस में महिला व पुरुष सहित युवाओ की भी संख्या यह सावित कर रहा था कि महिषी में इस वार  चुनाव कही ऐतिहासिक न हो जाय. लोगो में  यह भी कयास लगाया जा रहा है. 
महिषी विधान सभा से निर्दलीय उम्मीदवार पूनम देव
इस बावत निर्दलीय प्रत्याशी  पूनम देव का कहना है कि महिषी क्षेत्र की विकास के लिए ही मै चुनाव मैदान में आई हूँ.  स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के साथ महिलाओ के मान सम्मान की लड़ाई लड़ती आई हूँ.  इस लिए महिषी के समुचित विकास के लिए चुनाव मैदान में आई ताकि इस क्षेत्र का विकास हो सके. कारण अब तक जितने प्रतिनिधि बने इस क्षेत्र के साथ सौतेला पण रख कर जनता को सिर्फ गुमराह किया. इस क्षेत्र में कोसी नदी के बीच रह रहे लोगो की दुर्दशा पर किसी की नजर नही वल्कि जनता से वोट लेकर जनता को कराहने छोड़ देता है. जिससे इस क्षेत्र की जनता अपने अधिकार से बंचित हो जाते है.  महिषी क्षेत्र की विकास के लिए मुझे यदि एड़ी चोटी एक करना पड़े तो पीछे नही हटूंगी 

2 टिप्‍पणियां:

  1. itne bade gunde ki beebi yadi jeet jaati hai to sharm ki baat hogi.

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    1. Mahishhi Parmeshwer Kunwer jaise maneeshhi aur Lahtan Chaudhury jaise kaddawer neta ka kshetra raha hai yahan se kyaa ab gunde mawali jeetenge.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।