

सहरसा की लगभग तमाम जगहें पानी से तर हैं.शहर का चप्पा--चप्पा पानी--पानी है.शहर के तमाम मुहल्ले मसलन गौतम नगर,गंगजला,बटराहा,कायस्थ टोला,हटियागाछी सहरसा बस्ती,भवानीनगर,संतनगर,न्यू कोलोनी, रिफ्यूजी कोलोनी बारिश के पानी से इसकदर लबालब हैं गोया बाढ़ का कहर हो.बानगी भर को हम आपको हटियागाछी सहरसा बस्ती, न्यू कोलोनी, गंगजला, विद्यापति नगर,कायस्थ टोला और गौतम नगर मुहल्ले का नजारा दिखा रहे हैं.लोग हलकान--परेशान हैं.बारिश में हुए इस जल-जमाव से लोगों का जीना मुहाल है.बच्चे भी हद से परेशान हैं.जिन्दगी में जैसे जंग लग गयी हो.जिन्दगी की रफ़्तार थम सी गयी है.नगर परिषद् पंगु और लाचार है.पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है जिसका नतीजा हमारे सामने है.लोगों की पीड़ा को आईये खुद उनकी जुबानी सुनते हैं.घर से लेकर बाहर तक बस पानी ही पानी है.
यह नजारा है सहरसा के डी.बी रोड स्थित मुख्य बाजार का.देखिये बारिश ने इस बाजार की क्या गत बनाकर रख दिया है.लोग परेशान--परेशान हैं.बाजार से लेकर गली--मुहल्ले तक कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पानी ने अपना रौब ना दिखाया हो. दूसरी सड़क वी.आई.पी रोड है.उसकी क्या गत है उसे भी देखिये.

हमने इस पुरे मसले पर नगर परिषद के अधिकारी दिनेश राम से भी बात करनी चाही लेकिन जनाब जिला से बाहर होने की बात कह के अपनी जिम्मेवारी निभा दी.यूँ सहरसा का नगर परिषद किसी भी सूरत में आजतक जनहित के लिए काम करता नहीं दिखा है. कोसी के कहर के साथ सहरसा वासी बारिश का कहर भी झेलने को मजबूर हैं.जाहिर तौर पर इस इलाके के लोगों को कुदरत के कहर के साथ--साथ सरकारी लापरवाही का जुल्म भी सहना पर रहा है.इन्हें ना जाने इस मुसीबत से कब और कैसे निजात मिलेगी.
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