अगस्त 28, 2015

हैवान भाई की दरिंदगी

*भाई--बहन का पाक रिश्ता हुआ शर्मसार........... 
*रिश्ते की भड़भड़ायी दीवार और कमतर हुयी रिश्ते की गर्माहट....

*रक्षा बंधन एक दिन पहले एक भाई ने बहन पर किया जानलेवा हमला.........
*कपड़ा पसारने को लेकर हुए विवाद में घटी घटना .........

*जख्मी महिला की स्थिति नाजुक,सदर अस्पताल में चल रहा है ईलाज .............
*सदर थाना के बटराहा मोहल्ले की घटना............. 
*पैसे की खनक और संपत्ति का लोभ,इंसान को किसी भी हद तक गिरा सकता है.की एक बानगी........... 
सहरसा टाईम्स के लिए मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट----- कल 29 अगस्त को भाई--बहन का महापर्व रक्षा बंधन है जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई ताउम्र अपनी बहन की सुरक्षा का उससे ना केवल वायदा करता है बल्कि सिद्दत से कसम भी खाता है.लेकिन इस पवित्र पर्व से ठीक एक दिन पहले सहरसा के एक दरिंदे भाई ने अपनी बहन पर जानलेवा हमले कर के रिश्ते की सारी मर्यादाओं को तार--तार कर के रख दिया है.पैसे की हनक और भौतिकवादी तृष्णा के बीच रिश्ते की भड़भड़ायी दीवार और कमतर हुयी गर्माहट पर,पेश है 
एक बार फिर रिश्ते की दीवार गिरी और इंसानियत पूरी तरह से शर्मसार हो गया.सहरसा के रिहायशी मोहल्ले बटराहा की एक बहन पर उसके सगे भाई ने लोहे के रॉड से ताबड़तोड़ हमले कर के ना केवल उसके सर को फोड़ डाला बल्कि उसके जिश्म पर भी कई गहरे जख्म कर डाले.महज कपड़ा पसारने को लेकर हुए विवाद में गंगा चौधरी नाम के इस दरिंदे भाई ने अपनी बहन मुन्नी देवी को मौत के मुहाने पर पहुंचा डाला.मुन्नी देवी सदर अस्पताल में भर्ती है,जहां चिकित्सक उनकी स्थिति नाजुक बता रहे हैं.
सहरसा टाईम्स ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और सदर अस्पताल में उनकी चिकित्सा का हर सम्भव इंतजाम करवाया.मुन्नी देवी ने सहरसा टाईम्स से कहा की उसका भाई उसपर कई बार जानलेवा जुल्म कर चुका है.वह भाई नहीं राक्षस है.मुन्नी देवी कहती है की पैसे के दम पर उसका भाई पुलिस को खरीद लेता है और वह हर बार बेइंसाफ रह जाती है. 
मामले के तह में उतरने पर हमने जाना की मुन्नी देवी के पिता राम शरण चौधरी ने उसे अपने घर के निकट ही एक घर दिया है जिसमें वह सपरिवार रहती है.मुन्नी देवी के पति गणेश चौधरी की मौत 1998 में ही हो गयी थी लेकिन मुन्नी ने अदम्य साहस से अपनी तीन बेटियों की ना केवल परवरिश की बल्कि दो बेटियों की उसने शादी भी कर डाली.एक बेटी सोनिया है जो इंटर में पढ़ाई कर रही है.मुन्नी का भाई संपत्ति के लोभ में अपनी बहन को यह समझकर यातनाएं दे रहा है की वह घर छोड़कर भाग जाए.मुन्नी की बेटी सोनिया घटना के बाबत जानकारी देते हुए कहती है की उसके मामा उन्हें घर से भगाना चाहते हैं.मुन्नी और उसकी बेटी दोनों समवेत स्वर में सहरसा टाईम्स से इन्साफ दिलाने की गुहार लगा रही है.मुन्नी देवी तो सहरसा टाईम्स को ही अपना सगा भाई भाई बता रही है.
जख्मी मुन्नी देवी की हालत को सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर रतन कुमार झा बेहद गंभीर बता रहे हैं.इनकी मानें तो कई तरह के टेस्ट कराने के बाद ही स्थिति साफ़ हो पाएगी.
इस घटना के बाबत हमने पुलिस अधिकारी से भी जानकारी चाही लेकिन हमें कैमरे पर बोलने वाले एक भी अधिकारी नहीं मिले.वैसे एस.पी विनोद कुमार और एस.डी.पी.ओ सुबोध कुमार विश्वास ने दूरभाष पर हमें उचित कार्रवाई का भरोसा जरूर दिलाया है.
पैसे की खनक और संपत्ति का लोभ इंसान को किसी भी हद तक गिरा सकता है,यह घटना उसी की बानगी है.आगे देखना दिलचस्प होगा की इस मामले में पुलिस कितनी तेजी से और कैसी कार्रवाई करती है.आखिर में हम इतना जरूर कहेंगे की रिश्ते की अहमियत हालिये दिनों में काफी कम हुयी है.सामाजिक चिंतकों को इस गंभीर विषय पर भी चिंतन करना चाहिए.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।