अगस्त 01, 2015

"हम" नेत्री लवली आनंद से खास- बातचीत...............

EXCLUSIVE
* नीतीश जी मुगालते में हैं की वो लोगों के भाग्य नियंता हैं
नीतीश कुमार राजनीति के वह बाली हैं, जो दूसरों से उधार की शक्ति ले जुगाड़ पर अपना राजनीतिक सफर   तय करते रहे हैं 
* कोई बाहुबली हो या ना हो लेकिन नीतीश कुमार ऐसे महाबली हैं जिनके सत्ता संरक्षण में झारखंड और     बिहार के दर्जनों माफिया और बाहुबली पुष्पित--पल्लवित हो रहे हैं 
 पटना में "हम" नेत्री लवली आनंद से सहरसा टाईम्स के ग्रुप एडिटर मुकेश कुमार सिंह की खास बातचीत....
"हम" नेत्री लवली आनंद
आज "हम" नेत्री लवली आनंद ने सहरसा टाईम्स से ख़ास बातचीत की और कहा कि जी. कृष्णैया मामले में आनंद मोहन जी के खिलाफ सत्ता की साजिश पर अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कहकर पल्ला झाड़ते रहे की कानून अपना कर रहा है. इसके पीछे सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन जे.डी.यू. के प्रवक्ता संजय सिंह की ओर से अखबारों में प्रकाशित बयान ने यह साबित कर दिया है की आनंद मोहन जी की सजा के पीछे नीतीश कुमार की साजिश थी.और वे कोर्ट के कंधे पर बन्दुक रखकर अपने राजनीतिक विरोधियों का सफाया करते रहे. नीतीश कुमार राजनीति के वह बाली हैं, जो दूसरों से उधार की शक्ति ले जुगाड़ पर अपना राजनीतिक सफर तय करते रहे हैं. नीतीश जी मुगालते में हैं की वो लोगों के भाग्य नियंता हैं.असलियत यह है की अगले चुनाव में राज्य की जनता खुद उनका नसीब तय कर चुकी है.देर--सवेर उनके तमाम षड्यंत्रों और अहंकार का मुकम्मल जबाब मिलेगा.
***कहा कि -----  बिहार का बच्चा--बच्चा अवगत है की वर्ष 1994 के 5 सितम्बर को मुजफ्फरपुर में क्या हुआ था.घटना के दिन छोटन शुक्ला की मातमपुर्सी से हम पति--पत्नी लौट रहे थे. साजिशन हम दोनों को हाजीपुर रेलवे क्रासिंग पर गिरफ्तार कर के इस मुकदमें में घसीट दिया गया.इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है की जेडीयू नेता के.पी.रमैया के " आका और आदर्श लीडर नीतीश कुमार जी मुजफ्फरपुर में स्वयं जार्ज फर्नांडिस के साथ धरने पर बैठे थे और आनंद मोहन जी को निर्दोष बताया था.खुदी राम बोस केंद्रीय कारा पहुँच आनंद मोहन जी से राजनैतिक समझौते में बाढ़ और शिवहर की सीटें जीतीं. लगातार वर्षों उनके साथ हर मंच से उन्हें निर्दोष बताते रहे.1996 में नवीनगर और 2005 में बाढ़ विधानसभा की सीटें भी लवली आनंद ने नीतीश--मोहन के समझौते में ही जीतीं.
***कहा कि -----सासाराम से जदयू उम्मीदवार श्री रमैया अपनी याददास्त को खँगालेंगे तो पाएंगे की वो आज जिस दल के नेता बन बैठे हैं,उसकी बुनियाद हीं नीतीश कुमार ने आनंद मोहन के सहयोग से रखी थी. श्री रमैया को यह भी बताना चाहिए की अगर आनंद मोहन जी कृष्णैया मामले में दोषी हैं तो फिर उनके आका नीतीश कुमार सजा बाद किस मुंह से समझौते की शर्तें लेकर उनकी माँ से मिलने उनके पैतृक गाँव पंचगछिया गए थे. कोई बाहुबली हो या ना हो लेकिन नीतीश कुमार ऐसे महाबली हैं जिनके सत्ता संरक्षण में झारखंड और बिहार के दर्जनों माफिया और बाहुबली पुष्पित--पल्लवित हो रहे हैं.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।