अगस्त 17, 2015

18 अगस्त को पी.एम. मोदी सहरसा में कोसीवासियों को करेंगे संबोधित.....................

* 18 अगस्त 2008 को कुशहा त्रासदी की पट कथा कोशी मैया ने लिखी थी.… 
* 18 अगस्त 2015 को कोसी की धरती पर माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का आगवन……
*  क्या नरेंद्र मोदीजी कुशहा त्रासदी पीड़ितों के जख्मों को भर पाएंगे.....  
* अपने पी.एम. के स्वागत को लेकर कोसीवासी है तैयार……… 
कृष्ण मोहन सोनी की रिपोर्ट:- प्रधान मंत्री जी के आगमन पर जिला प्रशासन सुरक्षा को लेकर एड़ी चोटी एक कर दिया है. कोसी की जनता अपने प्रधानमंत्री के आने का इन्तजार कर रही है ख़ास कर इसलिए की यहाँ की संस्कृति ही यही रही है अतिथि देवो भवः और उनके स्वागत के लिए कोसी का यह इलाका भी पूर्व से ही प्रधानमंत्रीजी के आने पर स्वागत करने के लिए तैयार है. वैसे तो इस क्षेत्र के लोगो के मन में कोसी का विकास को लेकर कई सवालो के हल हो जाने की भी उम्मीदे है.    
18 अगस्त का यह दिन कोशीवासियों के लिए कभी भी अपने जेहन से भूलाने वाला दिन नहीं होगा. इसी दिन कुशहा की त्रासदी की पट कथा कोशी मैया ने लिखी थी. 18 अगस्त 2008 में कोसी की त्रासदी ने देश व दुनिया को झकझोर कर रख दिया था तब से आज तक कोसी का यह इलाका विनाश लीला को भुला नही सका. 2008 की त्रासदी के बाद इस इलाका में नई नई बिमारियों ने यहाँ के गरीबों मजलूमों को निगलना शुरू किया. हजारों लोगों ने असमय काल के गाल में समा गया. त्रासदी बाद कोशी के लोगो को हमेशा झूठा आश्वासन ही मिला. जिसने आया उसने ठका. कोशीवासी माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से उम्मीद कर रहा है कि कोसी में उनके आने से विकास को लेकर नए पैकेज का घोषणा हो सकता है. 
कोसीवासी विकास को लेकर अपने प्रधान मंत्री से आशाए भी रख रहे है देखना यह है कि सामने विधान सभा का चुनाव भी है हर कोई पार्टी के नेता लोक लुभावन नारे दे रहे है. विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ भी कायास लगाया जा सकता है. जो भी हो फिलवक्त मोदी जी को लेकर सुरक्षा चाकचौबंद है. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।