अप्रैल 07, 2015

बाल मजदूरी न हो इसके लिए माँ को तालीम कि जरूरत :- डॉ जाकिर…………

कृष्णमोहन सोनी की रिपोर्ट:- हुकूमत हमे अधिकार देने के लिए तैयार है इसके लिए कई योजनाये भी चला रखी है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि जहाँ अशिक्षा है वहां के समाज कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसके लिए समाज के सभी वर्गों के लोगो में शिक्षा की जरूरत है खास कर गांव हो या शहर हर घर में सबसे पहले महिलाओ को शिक्षित बनना जरूरी है इसका मूल है कि जबतक महिलाये शिक्षित नही होगी उनके बच्चो में ज्ञान कि रौशनी नही होगी उक्त बाते जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के कोसी तटबन्ध स्थित कोसी के कछाड़ पर बसा कुन्दह गांव के मदरसा जमीलुल उलूम के प्रांगण में एक समारोह में आयुर्वेदिक मेडिकेयर एण्ड डेपलपमेंट इंस्टीट्यूशन , मोतिहारी पूर्वी चंपारण के संस्थान के जनाव डॉ० जाकिर हुसेन ने कही.
संस्था द्धारा बाल मजदूरी बंद करो, शिक्षा का प्रबंध
करो कार्यक्रम व बाल मजदूर शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र का विधिवत उद्धघाटन डॉ०जाकिर हुसेन, नारी शिक्षा पर काम कर रही मोहतरमा राबिया खातुन, मोहतरमा, शबनम खातुन ने संयुक्त रूप से किया। समारोह कि अध्यक्षता इंतेजारुल हक ने किया इस समारोह के मौके पर ग्रामीण मुस्लिम बच्चों को शिक्षा से जोड़ने उसे तालीम देकर एक अच्छे इंसान बन कर देश व समाज के नाम रौशन करने पर बल दिया गया, बाल मजदूरी जैसे कोढ़ को समाप्त करने ग्रामीण बच्चियों को भी शिक्षित होने के साथ साथ अपने पैर पर खड़ा होने के लिए एक से एक हुनर से रूबरू होकर उसे इल्म की जरूरत व उसके लिए शिक्षण प्रशिक्षण कार्यकर्म में भागीदारी देकर इल्म सिखने को कहा गया.
समारोह को सबोधित करते हुए डॉ हुसेन ने कहा की हमारा देश बहुत खूबसूरत है इसकी पहचान हिन्दू , मुस्लिम सिख, ईसाई की एकजुटता हमेशा कायम रहेगी पहले हम सब इंसान हैं उन्होंने कहा कि अशिक्षा के कारण बाल मजदूरी बढ़ रहा है सरकार इस दिशा में अरबो रुपये खर्च कर रही है लेकिन सरजमीं पर कही नही दिख रहा है. आज कचरे की ढेर में बच्चे गुम होते जा रहे हैं आज देश का भविष्य हर एक बच्चा हैं लेकिन न की कमी के कारण उनके माँ बाप दलालों गिरफ्त में आकर अपने जिगर के टुकड़े औलाद को शिक्षा से जोड़कर होटलों, ढावे या अन्य ऐसे जगहों में भेज देते जहां बच्चे कि जिंदगी ही समाप्त हो जाती है. इसके लिए उनकी माताओ को सबसे पहले शिक्षा कि जरूरत है. इसलिए बेटी को भी तालीम कि उतनी ही जरूरत है। जिस बच्चे कि माँ शिक्षित है उस घर में खुशियां है कोई समस्या भी उस परिवार में नही रहता बच्चे पढ़ेंगे गरीबी दूर होगी। इस मौके पर मो० शफीक, मो० अनवर आजाद,  मदरसा के मौलाना आदि ने भी सम्बोधित किया।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।