अप्रैल 15, 2015

शिक्षा के क्षेत्र में ठोश पहल की जरुरत......भूपेन्द्र प्रसाद यादव

-::-  सरकार से अपील -::-
पाठक की कलम से ……… राज्य  सरकार एवं शिक्षको के बीच संघर्ष चल रहा है एक तरफ शिक्षक अपने मांगों को लेकर विद्यालयों को बंद कर धरना प्रदर्शन कर रहें हैं तो दूसरी ओर सरकार भी अडिग है। ऐसी परिस्थिति में स्कूली बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे है और राज्य कि शिक्षा व्यवस्था भी चरमरा रही है. दोनों की इस लड़ाई को देख भूपेंद्र प्रसाद यादव ने  इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार से एक अपील करते हुए कहा है कि आप हम सबों की संविदा पर बहाली  शिक्षा मित्र के रूप में किया कि, बच्चे जो विद्यालय से बाहर रह रहे है उन्हें विद्यालयों में नामांकन करवावे नामांकन शत-प्रतिशत होने के बाद पंचायत,प्रखंड , नगर शिक्षक के रूप समायोजन किये लेकिन सहायक शिक्षक का दर्जा नही दिए. जिससे बिहार में शिक्षकों को दो तरह के नियमावली होने से एकता में कमी आई और संगठन अलग- अलग हो गया जो आपके लिए परेशानी का सबब बन गया. उन्होंने यह भी कहा है कि चार लाख के करीब नियोजित शिक्षक हो गए जिनके लिए एक आशियाना की आवश्यकता थी. मंहगाई से इसे खंडित किया जो तो आज जन आंदोलन का रूप ले लिया। शिक्षक पढ़ाने के बजाय आज अधिकारी के पास अधिकार और अन्य मांगों को लेकर परेशान है. उधर विपक्षी सरकार की अच्छी सुशासन व्यवस्था को जंगल राज में बदलने का प्रयास लाचार शिक्षको के संगठन के कंधे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं. अच्छे शिक्षकों को पढ़ाने का अवसर नही मिल रहा है.  
नियमित करने की दिशा में एक ठोस पहल होनी चाहिए ताकि बिहार बदनाम न हो जहां अच्छों के लिए बिहार गीत का सभी विधालय में गाना गाया जाता है लेकिन असर नही हो रहा है. स्पष्ट एवं पारदर्शिता के साथ गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की आयाम हो इसकी हम सबको जरूरत है.  
पाठक :-
भूपेन्द्र प्रसाद यादव 
प्रखंड अध्यक्ष,
मुरलीगंज (मधेपुरा )  

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