फ़रवरी 19, 2015

ज्वेलर्स की दुकान में भीषण डकैती

अजय कुमार की रिपोर्ट, सिमरी बख्तियारपुर:-  वैसे तो जिले में अपराधियों द्धारा  अपराधिक घटनाओं को लगातार अंजाम देने में कोई कोर कसर  नही छोड़ा जा रहा है.  इस दिशा में सहरसा पुलिस शहर को अपराध मुक्त कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। अपराधिक घटनाओं से कराह रहे इस शहर को अब भगवान ही बचा पायेंगे लूट. हत्या, अपहरण, डकैती तो आम बात हो गयी है लगता है अब शहर पुलिस विहीन हो गया है अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब खुल कर घंटों इत्मीनान से हथियार बंद अपराधियों द्धारा अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के रानीबाग़ बाजार में बीती देर रात एक दर्जन हथियार बंद अपराधियों ने कार्तिक ज्वेलर्स की दुकान में लाखों रुपये कि जेवरात और नगदी की डकैती कर चम्पत हो गया. मिली जानकारी के मुताविक अपराधियों ने कार्तिक ज्वेलर्स की दुकान में घंटों देर तक रहकर घटना को अंजाम दिया अपराधियों द्धारा दुकान की ०६ ताला, ग्रिल एवं शटर तोड़ अंदर प्रवेश कर लोहे की मजबूत तिजौरी गैसकटर मशीन से काट करीब 10 लाख रुपये मूल्य की स्वर्ण भूषण की डकैती कर ली. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस घटना में करीब तीन घंटे तक बाजार को बंद कराया गया. ड्यूटी कर तीन निजी नेपाली चौकीदार हरिदेव कोटा, मोहन थापा, कुमार देव कोटा एवं एक स्थानीय चाय पान  दुकानदार इरफ़ान आलम को अपराधियों ने हाथ पैर बांध कर उसकी मोबाईल जप्त कर ली थी.
 डकैती की सूचना पुलिस को मिलने के बाद भी घटना स्थल पर दूसरे दिन सुबह साढ़े सात बजे पहूँची, बाजार के दुकानदारों ने आक्रोश में पुलिस के खिलाफ नारे वजी कर दूकान के सामने ही सड़क पर टायर जला कर एन, एच,107 को जाम  कर दिया पुलिस के विरुद्ध लोगों का गुस्सा है पुलिस की गश्ती के नाम पर सिर्फ मटरगश्ती करती है सही गश्ती करती तो सूचना मिलने पर यदि घटनास्थल पहुंचती तो अपराधी पकड़े जाते। लोगों का कहना है कि तीन घंटे तक डकैती होती रही पुलिस सूचना के वावजूद नही पहुंची जबकि घटना स्थल से डी.एस.पी. के ऑफिस की दुरी मात्र दो तीन सौ मीटर की है.
 इस भीषण डकैती की घटना से पीड़ित परिवार में कोहराम मचा हुआ है वही लोग भयाक्रांत हैं।  हलांकि इस घटना में 50 लाख की डकैती होने की बात कही जा रही है घटना के बारे में दुकानदार कार्तिक स्वर्णकार की पत्नी ने 50 लाख मूल्य की डकैती की बात कहती है. उसने बताया की जमीन बेचकर दुकान में पूंजी लगाई थी लेकिन लोगो का मानना है की आयकर एवं बिक्री कर से बचने के लिए पुलिस के पास खुल कर नही बता पा रही है. दूकानदार स्वर्णकार को पुलिस अपने साथ लेकर घूम रही है. आशंका है की इस डकैती की घटना की रिपोर्ट पुलिस अपने मन मुताबिक न लिखा ले.
लोगो के बीच इस घटना को लेकर यह भी कहा जा रहा है पुलिस कप्तान ने सिमरी बख्तियारपुर में थानेदार सूर्य कांत चौबे को भेज कर चौबे गए छब्बे बनने, पर नब्बे बन कर निकले जैसी कहावत हो गया है. स्थानीय लोगों में पुलिस की इस तरह की  लचर विधि व्यवस्था, सुरक्षा को लेकर आक्रोशित है.


 

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