
सरकारी बाबू अभी पीड़ित परिवार को दाह संस्कार के लिए सभी मृतकों के लिए कबीर
अन्तियेष्टि योजना से अलग-अलग डेढ़ हजार और पारिवारिक सुरक्षा योजना से बीस
हजार रूपये दिए जा रहे हैं.चूँकि मृतकों को राज्य सरकार ने डेढ़--डेढ़ लाख
रूपये मुआवजे के तौर पर देने की भी घोषणा उसी रात ही कर दी थी इसलिए उसके
मुताल्लिक भी कागजात तैयार किये जा रहे हैं.पीड़ित के घर अधिकारी भी खासे
दुखी हैं और सरकारी प्रक्रिया की जानकारी देने के अलावे वे यह भी कह रहे
हैं की इस घटना से वे भी काफी मर्माहत हैं.
एक तरफ जहां दुर्गा पूजा की वजह से चहुँदिश हर्षौल्लास और ख़ुशी का माहौल है वहीँ एक परिवार का सबकुछ पल में खत्म हो चुका है.जिन्दगी से ऐसा दर्द आ लगा है जिससे उबर पाना हरिलाल के लिए पहाड़ खोदकर दूध निकालने के समान है.माँ दुर्गा मौत की ईबारत लिख चुकी है.अब हरिलाल को कम से कम वह इतनी ताकत बख्से जिससे वह इस दर्द को ना केवल सह सके बल्कि उससे उबार भी सके.
एक तरफ जहां दुर्गा पूजा की वजह से चहुँदिश हर्षौल्लास और ख़ुशी का माहौल है वहीँ एक परिवार का सबकुछ पल में खत्म हो चुका है.जिन्दगी से ऐसा दर्द आ लगा है जिससे उबर पाना हरिलाल के लिए पहाड़ खोदकर दूध निकालने के समान है.माँ दुर्गा मौत की ईबारत लिख चुकी है.अब हरिलाल को कम से कम वह इतनी ताकत बख्से जिससे वह इस दर्द को ना केवल सह सके बल्कि उससे उबार भी सके.
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