अक्टूबर 21, 2013

हुआ रावण दहन : पाईलीन की कहर की वजह से समय से नहीं हुआ था रावण दहन

सहरसा टाईम्स: MLT कॉलेज परिसर में भारी भीड़ की मौजूदगी में रावण दहन का कार्यक्रम काफी उत्साह और उमंग के साथ संपन्न हुआ.इस दहन कार्यक्रम में रावण के साथ--साथ मेघनाद और कुम्भकरण का भी दहन किया गया.सदर एस.डी.ओ.प्रशिक्षु आई.ए.एस. अधिकारी पंकज दीक्षित और ए.एस.पी.दिलीप कुमार मिश्रा ने पहले तो फीता काटकर इस कार्यक्रम का उद्दघाटन किया फिर आग लगी तीर चलाकर बारी--बारी से रावण सहित तीनों आतातायियों का दहन किया.
यहाँ पर अशोक वाटिका के साथ--साथ लंका और रावण का महल भी बनाया गया .पहले इस दहन कार्यक्रम का उद्दघाटन सदर एस.डी.ओ. प्रशिक्षु आई.ए.एस.अधिकारी पंकज दीक्षित और ए.एस.पी.दिलीप कुमार मिश्रा ने विधिवत फीता काटकर किया.भारी भीड़ की मौजूदगी में फिर हुआ रावण दहन का कार्यक्रम.सबसे पहले सदर एस.डी.ओ.प्रशिक्षु आई.ए.एस.अधिकारी पंकज दीक्षित ने मेघनाद का,ए.एस.पी. दिलीप कुमार मिश्रा ने कुम्भकरण और दोनों ने मिलकर अंत में फिर रावण के पुतले का आग लगी तीर चलाकर दहन किया.इस दौरान वानरी सेना ने लंका दहन भी किया.अपार भीड़ के बीच यह कार्यक्रम शाम  शुरू हुआ जो शाम करीब साढ़े आठ बजे संपन्न हुआ.बुराई पर अच्छाई की जीत के इस महान मौके पर अधिकारियों ने कहा की जिस तायदाद में लोग यहाँ ऊफोआष्टःईट होकर इस दहन के  हैं उनका यह दायित्वही की वे समाज में व्याप्त बुराई के खात्मा का जिम्मा लें और हर तरह की बुराई का कात्मा करें जिससे हमारे सामने बेहतर भारत की बेमिशाल तस्वीर ताकयामत मौजूं रहे.
असमय रावण दहन का कार्यक्रम काफी हर्षौल्लास से आज संपन्न हो गया.इस पावन मौके पर सहरसा टाईम्स यह दुआ करता है की बुराई का इस जिले में इस रावण दहन के साथ इस तरह से खात्मा हो की अगले वर्ष रावण दहन की जरुरत ही ना पड़े.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।