सितंबर 22, 2013

बीजेपी की विश्वासघात रैली

कल स्थानीय पटेल मैदान में बीजेपी की विश्वासघात रैली जो अपने तय समय दिन के बारह बजे की जगह दिन के दो बजे शुरू हुयी।इस रैली में हजारों की संख्यां में पहुंची महिलायें,पुरुष और बुजुर्ग--बच्चों की भीड़ को मंचासीन नेताओं ने तूफानी अंदाज में संबोधित किया।इस रैली को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी,बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे,पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह,पूर्व मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल,सांसद रामाधार सिंह सहित प्रदेश के कई अन्य नेताओं के अलावे क्षेत्रीय नेताओं ने भी संबोधित किया।सभी के भाषण में नीतीश को लेकर विष--वाण भरे थे.समवेत स्वर में वक्ताओं ने बड़े साफ़ लहजे में कहा की नितीश विश्वासघाती हैं और उन्होनें बड़ा पाप किया है.आने वाले चुनावों में उन्हें उनके कर्मों की सजा मिलकर रहेगी।वक्ताओं ने नरेंद्र मोदी को आज देश की बड़ी जरुरत बताते हुए कहा की नरेंद्र मोदी की हवा नहीं बह रही है बल्कि नरेद्र मोदी के नाम की सुनामी आई है जिसमें सबके सब उड़ जायेंगे।नरेंद्र मोदी को प्रधानमन्त्री बनने से कोई भी नहीं रोक सकेगा।
इस रैली में शामिल होने से पूर्व ही हमने जिला मुख्यालय स्थित परिसदन में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह से खास बातचीत की।बातचीत में आज गिरिराज पहले से कहीं ज्यादा तल्ख़ और आक्रामक दिखे।गिरिराज ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा की आने वाले समय में नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को जॉर्ज फर्नांडिस की तरह पार्टी से निकाल फेंकेंगे।गिरिराज ने खुलकर कहा की अगर शरद चाहें तो भाजपा उन्हें अपना सकती है लेकिन नीतीश अब किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं।गिरिराज ने शरद को भीष्म पितामह की भूमिका से बाहर निकलने की नसीहत भी दी।गिरिराज ने चारा मामले में नैतिक रूप से नीतीश कुमार को ना केवल इस्तीफा देने को कहा बल्कि आने वाले दिनों में नीतीश और लालू दोनों को चारा घोटाले में जेल जाने की बात भी कही।गिरिराज ने सहरसा टाईम्स से आगे कहा की नीतीश निरंकुश और मतान्ध हाथी हो गए हैं जनता महावत की शक्ल में आकर आगे उन्हें जबाब देगी।शरद ने नीतीश  पर तीखा हमला करते हुए कहा की नरेंद्र मोदी की कृत्रिम हवा नहीं बल्कि उनके नामं का तूफ़ान आया है जिसमें सब के सब उड़ जायेंगे।विभिन्य दंगे मामले में नीतीश के बयान पर भी गिरिराज जमकर बरसे।
मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार
इस रैली के दौरान सब से अहम् और दुखद बात यह रही की सुशील मोदी ने मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और मीडियाकर्मियों को मंच से ना केवल उतर जाने को कहा बल्कि यह भी कहा की उन्हें फोटो खिंचवाने का शौक नहीं है,विजुअल मीडिया वाले चाहें तो उनके फोटो को ना चलायें।इस बात से नाराज मीडियाकर्मी मोदी के भाषण का सभास्थल से निकलने लगे लेकिन बीच में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मंगल पांडे ने मंच से नीचे मीडियाकर्मियों से मांफी मांगी।हांलांकि छोटे मोदी का मीडिया के प्रति यह तेवर कहीं से माफ़ी के काबिल नहीं है,इसलिए मीडियाकर्मियों ने मोदी के भाषण का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया।
कुल मिलाकर यह एक सफल रैली मानी जा सकती है लेकिन गिरिराज के तल्ख़ बयान और सुशील मोदी के मीडियाकर्मियों के साथ अनुचित व्यवहार ने इस रैली के रंग में निश्चित तौर भंग डाल दिया।यही वजह हुयी की मोदी के व्यवहार से आहत विजुअल मीडियाकर्मियों ने मोदी के भाषण का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।