अगस्त 13, 2013

चोर सरगना गिरफ्त में,लाखों का सामान बरामद : सहरसा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

चन्दन सिंह सहरसा टाईम्स: विगत कई महीनों से चोरी की बढ़ी घटनाओं से आमलोगों के साथ--साथ हलकान और परेशान सहरसा पुलिस ने आज चैन और सुकून की लम्बी सांस ली है. बताना लाजिमी है की लम्बे समय से अपने लापरवाह और बिगडैल कार्यशैली के साथ--साथ अपनी दलाली की छवि से सुर्ख़ियों में रहने वाली सहरसा पुलिस ने आज जरुर चौंकाने वाला काम किया है.जाहिर तौर पर कम से कम आज सहरसा पुलिस की हौसला आफजाई के साथ--साथ उसकी पीठ थप--थपायी जानी चाहिए.सहरसा पुलिस ने आज सदर थाना के सराही मोहल्ले से चोर गिरोह के सरगना के साथ--साथ लाखों का सिगरेट,जर्दा--पत्ती और पान मशाला बरामद किया है.
सदर थाना सहरसा में आज जश्न का माहौल है.लकीर का फ़क़ीर बनी यहाँ की पुलिस ने आज चोर गिरोह के सरगना राजेश साह को करीब पंद्रह लाख के सामान के साथ गिरफ्तार किया है.बताते चलें की तीन दिन पूर्व सहरसा के महावीर चौक स्थित एक कारोबारी ने थाना में रपट लिखाई थी की उनकी होल--सेल की दूकान से लाखों का सामान चोर ने शटर और ताला काटकर चुरा लिए हैं.सदर थाना के नवस्थापित युवा थानाध्यक्ष चन्दन कुमार ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया और इस मामले के पटाक्षेप में दिन--रात एक कर दी.आज नतीजा सामने है की अपने सूचनातंत्र के दम पर उन्हें कामयाबी मिली जिसमें उन्होनें ना केवल चोर गिरोह के सरगना राजेश साह को दबोच लिया बल्कि सराही के एक घर से चोरी किये गए लाखों का सामान भी बरामद कर लिया.ख़ुशी से फुले नहीं समा रहे थानाध्यक्ष ने कहा की पुलिस के लिए चोरों को पकड़ना एक बड़ी चुनौती बनी हुयी थी.इस गिरफ्तारी से चोरी की घटना में काफी कमी आएगी.इन्होनें यह भी बताया की इस गिरोह के कुछ और सदस्य हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 
इधर गिरफ्त में आया चोर राजेश साह बता रहा है की वह पहले दूकान में नौकरी करता था लेकिन उसके मालिक ने उसे नौकरी से हटा दिया.इसी बीच उसके संपर्क में शंकर,प्रकाश और गोपाल नाम के चोर आये और वह इस धंधे में जुट गया.अभी शंकर,प्रकाश और गोपाल पूजा करने के बहाने चोरी के कुछ माल लेकर बाबाधाम गए हैं.जब वे वहाँ से लौटते तब इन बरामद माल को भी बाजार में खपाया जाता.सुनिए इसे.सहरसा पुलिस की वर्दी पर ढेरों पुराने दाग हैं जिसे यह कामयाबी संजीवनी की तरह धोने का काम करेगी.किसी ने सच कहा है की अगर पुलिस चाह ले तो अपराध करना किसी के बूते में नहीं है लेकिन असल बात तो यह है की पनपते अपराध और जड़ जमाये अपराध को कहीं ना कहीं पुलिस का ही संरक्षण प्राप्त है.पुलिस के ऐसे कारनामों का अवाम के साथ--साथ हम भी तलबगार हैं.आगे देखना दिलचस्प होगा की पुलिस ऐसे और कितने चौंकाने वाले काम करने में समर्थ साबित होती है.

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