जून 07, 2013

पीट--पीटकर ह्त्या

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट: आज सुबह मूंग की खेत में भैंस के चले जाने और थोड़ी सी फसल भैंस के द्वारा खा लेने का कीमत 40 वर्षीय अंदेव यादव को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।घटना के सन्दर्भ में प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ बनगांव थाना के ढ़ोली गाँव के रहने वाले मृतक की भैंस आज सुबह बगल के गाँव चैनपुर की एक खेत में घुस गयी और मुंग की फसल खाने लगी।मृतक ने इस दौरान अपनी भैंस को खेत से निकालने की भरपूर कोशिश की लेकिन उनकी कोशिश के बीच में ही चैनपुर गाँव के कुछ दबंगों ने आव देखा ना ताव और अंदेव यादव पर लाठी--डंडे,रॉड और कुदाल के बट से ना केवल हमला बोल दिया बल्कि उसे तबतक पीटते रहे जबतक उसकी जान नहीं चली गयी।घटना को अंजाम देकर तमाम आतातायी वहाँ से फरार हो गए।इस घटना की सूचना आनन-- में जंगल की आग की तरह इलाके में फ़ैल गयी।इस घटना से पुरे इलाके में तनाव व्याप्त है।स्थानीय बनगांव थाना और सदर थाने की पुलिस घटना स्थल पर कैम्प कर रही है।पुलिस ने लाश को जहां कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है वहीँ मृतक के परिजनों के बयान पर तीन लोगों के खिलाफ नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ बनगांव थाना में काण्ड दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्त में लेने के लिए छापामारी में जुट गयी है।
लाश का पोस्टमार्टम कराने के लिए जगदेव पासवान नाम के चौकीदार को भेजा गया है।बड़े हाकिम थाने की शोभा बढ़ा रहे हैं।घटना को लेकर चौकीदार जानकारी देते हुए कहता है की इस मामले में कारवाई होकर रहेगी।  बताना लाजिमी है कि अभी सहरसा के पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी अवकाश पर हैं।यही नहीं कोसी रेंज के डीआईजी संजय कुमार सिंह भी अवकाश पर हैं।एक डीएसपी कैलाश प्रसाद हैं जो पुलिस अधीक्षक के प्रभार में हैं और अभी वे बगल के जिला मधेपुरा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेवा यात्रा में अपनी सेवा दे रहे हैं।मौत के इस बड़े मामले को अभी छोटे और मझोले अधिकारी संभाल रहे हैं। छोटी सी बात में एक जिन्दगी बेजा चली गयी।जिस बात को आपसी समझ से सुलझाया जा सकता है उसमें भी अब खून के छींटे उड़ने हैं।अब पुलिसिया कारवाई से आगे जो और जैसा फलाफल आये लेकिन अंदेव अपने परिजनों के बीच अब कभी लौटकर नहीं आयेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।