जून 12, 2013

घुस लेते सहायक अभियंता हुए गिरफ्तार

विद्युत् विभाग के सहायक अभियंता को निगरानी ने 20 हजार रूपये घुस लेते रंगे हाथों दबोचा
सहायक अभियंता ग्रामीण चन्दन कुमार
सहरसा टाईम्स: एक बिजली उपभोक्ता की शिकायत पर आज पटना की निगरानी टीम ने सहरसा विद्युत् विभाग के सहायक अभियंता ग्रामीण चन्दन कुमार को 20 हजार रूपये घुस लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।सहायक अभियंता को गिरफ्त में लेने के बाद निगरानी टीम ने पहले के विद्युत् विभाग स्थित सहायक अभियंता के कक्ष फिर उनके आवास पर भी छापामारी किया जिसमें करीब पचास हजार नकद,दो लाख के दो चेक और कई आपत्तिजनक कागजात भी बरामद किये गए।सहरसा सदर थाना में सहायक अभियंता से लम्बी पूछताछ और स्थानीय कोरम पूरा करने के बाद अगली कारवाई के लिए सहायक अभियंता को निगरानी टीम अपने साथ लेकर पटना के लिये रवाना हो गयी।
सहायक अभियंता चन्दन कुमार
पटना से बिजली निगरानी कोषांग से आई टीम ने आज सहरसा की एक मछली  को दबोच ही लिया।देखिये निगरानी की गिरफ्त में आये यह हैं सहायक अभियंता चन्दन कुमार।नवम्बर 2012 में पटना बिजली बोर्ड में नौकरी हासिल करने वाले इस अभियंता ने इसी साल मई माह में सहरसा में पदभार संभाला था।अपने अल्प सेवा काल में ही इन्होनें घुस लेने में महारत हासिल कर ली थी।सहरसा के शाहपुर गाँव के रहने वाले मोहम्मद इस्माईल जो विभाग के वाजिब उपभोक्ता थे लेकिन उन्हें फर्जी बताकर और उनपर गलत मुकदमा में फंसाने का धौंस देकर इन्होनें बतौर घुस दो लाख सत्तर हजार रूपये की मांग की थी।इस उपभोक्ता ने एक बार तीस हजार और एक बार सात हजार रूपये दिए भी लेकिन इतने पर इनका मन नहीं भरा और वे अपनी पिछली मांग पर डटे रहे।थक--हारकर उपभोक्ता ने इसकी शिकायत पटना निगरानी से की।और नतीजा आज सामने आया की निगरानी ने उपभोक्ता द्वारा बीस हजार रूपये देते हुए इन्हें रंगे हाथों दबोच लिया।बाद में निगरानी ने विभाग में इनके कक्ष और इनके आवास को भी जमकर खंगाला जहां से करीब पचास हजार नकद,दो लाख के दो चेक और कई आपत्तिजनक कागजात भी बरामद किये।इस निगरानी टीम का नेतृत्व डीएसपी रामजीवन सिंह और डीएसपी रूप रंजन हरदवे कर रहे थे जबकि इनके साथ दो सब इन्स्पेक्टर भी थे।
इधर पीड़ित उपभोक्ता मोहम्मद इस्माईल इस घुसखोर अधिकारी को बेपर्दा करके काफी राहत में हैं
घूसखोरी अब संस्कार और रिवायत का स्वरूप ले चुका है।सरकार का कोई ऐसा विभाग नहीं है जहां घुसखोरी नहीं हो रही हो।बाबजूद इसके छोटी मछली ही सही एक के पकड़ में आने से भी घूसखोरों पर इसका प्रभाव जरुर पडेगा।यूँ आलम अभी यह है की जो पकड़ाया वह चोर वर्ना साधू।यूँ हमारा अनुभव कहता है की आदमी तभीतक लाचारी में ईमानदार बना रहता है जबतक उसे बेईमानी का मौक़ा नहीं मिलता है।बिजली विभाग में घूसखोरी अपने परवान पर है।एक नवोदित सहायक अभियंता की गिरफ्तारी के पीछे कहीं कोई बड़ा खेल तो नहीं,यह सवाल भी यहाँ मौजूद है।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।